चकिया-कैंसर पीड़ित बच्चे बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में हुआ भर्ती, ब्लड की हुई कमी तो  यह महिला डॉक्टर आईं आगे, दिया अपना  ब्लड,

कैंसर पीड़ित बच्चे बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में हुआ भर्ती, ब्लड की हुई कमी तो यह महिला डॉक्टर आईं आगे, दिया अपना ब्लड,

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

चंदौली/चकिया- तहसील क्षेत्र के मुबारकपुर गांव निवासिनी बंदना जायसवाल का 10 वर्षीय पुत्र गौतम जायसवाल 13 महीनों पूर्व से कैंसर की बीमारी से पीड़ित चल रहा है और उसको प्लास्टिक एनीमिया की बीमारी है। और उसका इलाज कराने में करीब उसके परिवार वालों का 1500000 रुपए लग चुका है लेकिन अभी भी वह बच्चा बीमारी से ग्रसित ही है। यहां तक कि उसके परिजनों द्वारा अपना खेत गिरवी रखकर तथा उसकी मां के द्वारा अपने शरीर के गहनों को बेचकर उसका इलाज कराया गया। लेकिन बच्चा स्वस्थ नहीं हो सका और बच्चे को अभी भी इलाज की जरूरत है लेकिन बच्चे का इलाज कराने के लिए उसके परिवार वालों के पास वह माता पिता के पास अब धन नहीं रहा गया है। जिससे कि वह अपने बच्चों का इलाज करा सकें और वह इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिख चुकी हैं।
हालांकि इसकी शिकायत जैसे ही मीडिया कर्मियों को हुई तो मौके पर पहुंचकर सिटी अपडेट न्यूज़ नेटवर्क के जिला संवाददाता कार्तिकेय पांडे ने जांच पड़ताल कर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। और खबर प्रकाशित होने के बाद तहसील प्रशासन हरकत में आया और उप जिलाधिकारी शिपू गिरी के द्वारा कैंसर से पीड़ित बच्चे के इलाज कराने के लिए सहायता राशि हेतु मदद के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेज दिया गया है। और जल्द ही वहां से धनराशि प्राप्त होने पर पीड़ित बच्चे को सौंप दिया जाएगा।
वही आपको बता दें कि कैंसर से पीड़ित गौतम जायसवाल कि आज फिर एक बार तबीयत खराब हो गई और उसे खांसी और बुखार आ गया जिसके बाद उसकी माता बंदना जायसवाल द्वारा उसे वाराणसी स्थित एक हास्पिटल में भर्ती कराया गया जहां पर उसको ब्लड की जरूरत थी और किसी के द्वारा ब्लड नहीं देने पर उसे अस्पताल के एक डॉक्टर दिव्या सिंह द्वारा ब्लड डोनेट किया गया। और उस बच्चे के इलाज के लिए दिया गया। जिसके बाद बीमार बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर को धन्यवाद दिया। हालांकि अभी बच्चे का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

लेकिन वही आपको बता दें कि अभी तक कई बार खबरें प्रकाशित होने के बाद भी जनप्रतिनिधि कोई भी सुध ही नहीं ले रहे हैं और इस बच्चे के इलाज हेतु मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।