महाराष्ट्र में भीड़ में मारे गए संत सुशील गिरि के गांव चांदा में मातम

महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ द्वारा मारे गए सन्त सुशील गिरि सुलतानपुर जनपद के चांदा थाना क्षेत्र के प्रतापपुर कमैचा (चांदा बाजार) निवासी थे। मौत की सुचना पर उनके घर पर मातम छाया हुआ है। परिजनों में शोक की लहर है।


संत सुशील गिरि का बचपन का नाम शिवनारायण उर्फ़ रिंकू दुबे था। घर वालों के मुताबिक 16 वर्ष की आयु में ही संतों का सानिध्य प्राप्त कर उन्होंने घर छोड़ दिया था। कुछ वर्षों बाद वे से भीक्षा लेने घर पर आए तो घर वालों ने बहुत समझाया बुझाया। परन्तु नहीं माने। फिर संतों के पास चले गए। बाद में दूसरे तीसरे वर्ष अपनी मां का हाल चाल लेने कभी भी घर पर आते जाते थे। शिवनारायण उर्फ़ रिंकू अपने पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। इनके भाइयो में कपिलदेव दुबे, दयाशंकर दुबे, दीप नारायण दुबे, शेषनारायण दुबे हैं। पूरे परिवार में मातम छाया हुआ है। माता ने कहा कि उनके पुत्र को न्याय मिलना चाहिए।