उत्तर प्रदेश: समुदाय विशेष की राजनीति करने वालों के लिए प्रेरणा देती ये कहानी

सुल्तानपुर. हर मुद्दों की भांति कोरोना वायरस महामारी भी धीरे-धीरे समुदाय विशेष की राजनीति का शिकार हो गई। जनता तो जनता कलमकारो की कलम भी एक वर्ग विशेष पर तलवार की तरह खिच गई। चैनल्स टीआरपी कमाने के लिए तो प्रतिष्ठित वेबसाइटें यूबी-पीबी बढ़ाने के लिए वो दिखाने लगी जो वातावरण कुछ समय मे तैयार हुआ है। लेकिन इससे हटकर हम आपको आज एक ऐसे शख्स के बारे मे बताने जा रहे हैं जो उसी समुदाय का हिस्सा है जो सियासत की धुरी बना है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान मे सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद मेनका गांधी के संसदीय क्षेत्र के समाज सेवी एवं बसपा नेता रिजवान उर्फ 'पप्पू' जो जिले भर मे चर्चा का विषय हैं। कुछ दिन पूर्व अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों ने इन्हे चर्चा का केंद्र बनाया था, अब वो अपने व्यक्तिव से चर्चा मे बने हैं।
कोरोना वायरस महामारी को लेकर जब से लाक डाउन जारी हुआ इस समाज सेवी ने सबसे पहले मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया। शहर के बीचो-बीच बने 'न्यू शालीमार मैरेज लान' इन्होंने प्रशासन को क्वारेंटाइन सेंटर बनाने के लिए दे दिया। यहां चौदह दिन रखे गए लोगों को उन्होंने किसी भी समय कोई परेशानी नही होने दिया। इस बात की तारीफ तो स्वयं जिले के अधिकारियों ने की।इसके अलावा 75 हजार से ऊपर मास्क शहर, गांव देहात मे उन्होंने व उनकी पत्नी, बेटे और उनके साथियों ने बांट डाले। वैसे ये मामूली और आम बात थी। अहम बात ये कि दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक समाज के हर गरीब तबके के दरवाजे तक इनकी राशन किट पहुंच रही है। एक अनुमान के मुताबिक जिसकी तादाद करीब हजारो मे है। काबिले ग़ौर बात जो जरूरतमंद आकर और मांग कर ले जाते हैं वो अलग, उससे अहम ये बात है कि रिजवान उर्फ पप्पू स्वयं, उनकी पत्नी व पूर्व प्रमुख नरगिस नायाब और उनके परिजन अलग-अलग गाड़ियों से रात के अंधेरे मे राशन किट लेकर निकलते हैं। गरीब के दरवाजे पर किट रखकर, दरवाजा खटखटा कर आगे बढ़ जाते हैं। रिजवान का कहना है यही इबादत है और यही धर्म।