एक दिन के बच्चे को सीने से भी न लगा पाई मां, एम्बुलेंस वाले ने प्रसूता के उतरते ही हटाई आक्सीजन,बच्चे की मौत,मां की उम्मीदें रह गयी अधूरी 

एक दिन के बच्चे को सीने से भी न लगा पाई मां, एम्बुलेंस वाले ने प्रसूता के उतरते ही हटाई आक्सीजन,बच्चे की मौत,मां की उम्मीदें रह गयी अधूरी

संवाददाता कार्तिकेय पांडेय

कानपुर- जनपद के हैलट में समय से इलाज न मिलने से एक प्रसूता की मौत हो गई। मां जन्म के बाद अपने बच्चे को गले भी नहीं लगा पाई और उसने तड़पकर दम तोड़ दिया। परिजन महिला को लेकर हैलट में फ्लू ओपीडी और कोविड अस्पताल के बीच दौड़ते रहे पर किसी डॉक्टर ने उनपर रहम नहीं खाया।

ऐसे वक्त में जब कोरोना की वजह से पूरे विश्व में मेडिकल इमरजेंसी है, अस्पताल वाले जरा सी भी इंसानियत नहीं दिखा रहे हैं। गुरुवार को एक नर्सिंगहोम नेे प्रसूता से 15 हजार रुपये वसूलकर गंभीर होने पर हैलट रेफर कर दिया। जिस एंबुलेंस से भेजा गया, उसके चालक ने भी मरीज के उतरते ही ऑक्सीजन हटा ली।

हैलट में फ्लू ओपीडी से कोविड अस्पताल और फिर इमरजेंसी पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वह अपने एक दिन के बच्चे को सीने से भी न लगा सकी। नंदपुर, कन्नौज के रहने वाले नजमुद्दीन की पत्नी रुखसार (28) को बुधवार को ग्वालटोली के एक नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया।


नर्सिंगहोम वालों ने 18 हजार रुपये जमा करने को कहा तो परिजनों ने 15 हजार रुपये जमा कर दिए। ऑपरेशन से बच्चा हुआ। गुरुवार सुबह रुखसार की तबीयत बिगड़ गई। उसके ससुर नसरुद्दीन नेे बताया कि रुखसार के मुंह से फेना आने लगा। वह नर्सों और डाक्टर को ढूंढते रहे। कुछ देर बाद एक डॉक्टर आया और बोला कि आईसीयू में भर्ती करना पड़ेगा।

नर्सिंगहोम में आईसीयू नहीं है। इसके बाद एंबुलेंस बुलाकर हैलट भेज दिया। हैलट में उसे पहले इमरजेंसी से फ्लू ओपीडी और फिर कोविड अस्पताल भेजा गया। आखिर में उसे इमरजेंसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजन शव लेकर घर चले गए।