जिला प्रशासन व सहकारी समिति कर्मचारी संघ आमने सामने,किसानों की धान खरीदी बनी चुनौती।

बैकुंठपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी केंद्रों में 15 नवंबर से धान खरीदी पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है जहां एक तरह जिला प्रशासन द्वारा समितियों में किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए पहले से ही समितियों में डाटा ऑपरेटर व प्रबंधको फेरबदल कर प्रबंधक के जगह अधिकारियों को ही बाग डोर सौंप दी गई है खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान खरीदी के व्यवस्थित एवं सुचारू रूप से संचालन की व्यवस्था की दृष्टि से समिति में पदस्थ कर्मचारियों / उपार्जन केन्द्र प्रभारियों के रूप में पदस्थ किया गया है वहीं सहकारी समितिय कर्मचारी के आंदोलन पर जिला प्रशासन ने बड़ा रुक अपनाया है कई समितियों में व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे है समिति में अब तक किसी भी प्रकार से साफ सफाई जैसे कार्य नहीं किया गया है ऐसे प्रसन्न यह उठ रहा है कि इस वर्ष किसान समिति में धान विक्रय करने में असुविधाओं का सामना तो नहीं करना होगा,एक तरफ अपनी 4 सूत्रीय मांग को ले कर सहकारी समिति कर्मचारी संघ के द्वारा आंदोल जारी है जिसमें मुख्य मांगे वर्षों में की गई धान खरीदी सूखत की राशि समिति से ना वसूली किया जाए,मध्यप्रदेश शासन की तरह छत्तीसगढ़ में भी प्रबंधकीय खर्च के लिए 3 लाख की राशि प्रत्येक समिति को प्रदान की जाए,अभी 2025- 26 की धान खरीदी के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती आउट सोर्सिंग से ना किया जाए , 2018 के सेवा नियमों में संशोधन किया जाए फिलहाल अब देखना यह होगा आखिर समिति प्रबंधकों की हड़ताल कब तक समाप्त होगी ।