उत्तर भारत में पहली बार: इन-स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसेट स्टूडेंट कंप्टीशन का भव्य फ़ाइनल 27-30 अक्टूबर को कुशीनगर में

सांसद शशांक मणि बोले: 'अमृत प्रयास' रणनीति के तहत विकसित होगी अंतरिक्ष जागरूकता की संस्कृति

देवरिया। भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन?स्पेस) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआइ) के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर के मॉडल रॉकेट्री/कैनसेट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25 की घोषणा की है। इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में तमकुहीराज स्थित नारायणी नदी के तट पर आयोजित किया जाएगा।

इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को मॉडल रॉकेट के डिजाइन, विकास और लॉन्च का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है। इसमें छात्रों को ऐसे मॉडल रॉकेट तैयार करने होंगे जो परिभाषित मिशन उद्देश्यों को पूरा करते हुए एक किलोग्राम के कैनसेट (एक प्रकार का छोटा सैटेलाइट) को एक किलोमीटर की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक तैनात कर सकें। यह छात्रों को वास्तविक दुनिया के अंतरिक्ष मिशनों का अनुकरण (सिम्युलेट) करने का अवसर देगा और भारत की अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष पेशेवरों को तैयार करने में योगदान देगा।
इस राष्ट्रीय फिनाले के लिए देश भर के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से कुल 71 छात्र टीमों ने योग्यता प्राप्त की है, जिसमें लगभग 600 छात्र, फैकल्टी सदस्य और मेंटर शामिल हैं। इनमें 36 टीमें कैनसेट श्रेणी में और 35 टीमें मॉडल रॉकेट्री श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करेंगी।

73,000 छात्रों तक पहुंचा जागरूकता अभियान

प्रतियोगिता से पहले जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, इन-स्पेस ने इसरो के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के सात जिलों गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, जौनपुर, बहराइच, बुलंदशहर और गौतम बुद्ध नगर में 'आर्ट-इन-स्पेस' और 'स्पेस क्विज 20:20' प्रतियोगिताओं का आयोजन किया था, जिसमें लगभग 73,000 छात्रों ने भाग लिया था। इसका निष्पादन 'नमस्कार फाउंडेशन' द्वारा किया जा रहा है। छात्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति गहरी रुचि जगाने के लिए रॉकेट, सैटेलाइट, एस्ट्रोनॉट सूट और शैक्षिक मॉडल से लैस एक "अंतरिक्ष रथ" भी जागरूकता फैला रहा है। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ग्रैंड फिनाले में सम्मानित किया जाएगा और उन्हें इवेंट स्थल पर इमर्सिव स्पेस हैबिटेट मॉड्यूल का अनुभव भी मिलेगा।

अमृत प्रयास' के मिशन से जुड़ा यह आयोजन

लोकसभा क्षेत्र देवरिया के सांसद शशांक मणि ने कहा कि "देवरिया लोकसभा क्षेत्र के तमकुहीराज इलाके में कैनसेट मॉडल रॉकेट प्रतियोगिता की मेजबानी करना सम्मान की बात है। यह प्रतियोगिता इस क्षेत्र की अवसरों को उत्साहित करेगी और अंतरिक्ष जागरूकता की संस्कृति का बीज बोएगी। यह हमारी 10 वर्षीय विकासात्मक रणनीति 'अमृत प्रयास' के मिशन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर विकसित देवरिया लोकसभा के संकल्पों को साकार करना है।"

इस पहल पर बोलते हुए, इन-स्पेस के प्रमोशन निदेशालय के निदेशक और एएसआइ के कार्यकारी सचिव डॉ. विनोद कुमार ने कहा, "यह प्रतियोगिता प्रायोगिक शिक्षण और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के साथ छात्रों की प्रारंभिक भागीदारी को बढ़ावा देने की इन?स्पेस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्हें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने का अवसर देकर, हम भारत के भविष्य के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उद्यमियों के लिए एक मजबूत नींव बनाने की उम्मीद करते हैं।" उन्होंने इस फिनाले को संभव बनाने में उत्तर प्रदेश सरकार और कुशीनगर जिला प्रशासन के समर्थन को महत्वपूर्ण बताया।

*कौशल विकास और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य*

प्रतियोगिता के मिशन उद्देश्यों में एक मॉडल रॉकेट और एक किलोग्राम पेलोड वाले कैनसेट का डिजाइन, विकास और एक किलोमीटर की ऊंचाई तक प्रक्षेपण शामिल है, जिसके बाद सुरक्षित पेलोड इजेक्शन, रिकवरी और लैंडिंग होगी। इन चुनौतियों के माध्यम से, छात्रों को रॉकेट्री, पेलोड डिजाइन और मिशन प्रबंधन के साथ-साथ टीमवर्क, परियोजना समन्वय और समस्या-समाधान जैसे प्रमुख सॉफ्ट स्किल्स का भी अनुभव मिलता है।
मॉडल रॉकेट्री/कैनसेट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25 अंतरिक्ष शिक्षा, कौशल विकास और जमीनी स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के इन?स्पेस के चल रहे प्रयासों में एक और कदम है, जो 2033 तक 44 बिलियन डॉलर की आत्मनिर्भर अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के निर्माण के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।