कांग्रेस नेता सत्येंद्र पाल सिंह बैस ने महर्षि वाल्मीकि जयंती पर किया कार्यक्रम आयोजित

कासगंज। जिला कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के चेयरमैन सत्येंद्र पाल सिंह बैस ने मंगलवार शरद पूर्णिमा के दिन अपने कार्यालय पर अधिवक्ता साथियों के साथ महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई। इस अवसर पर उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।

सत्येंद्र पाल सिंह बैस ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत के आदि कवि थे और उन्होंने रामायण जैसे महान ग्रंथ की रचना की, जो हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ एवं विश्व के सबसे महान महाकाव्यों में से एक है। उन्होंने बताया कि वाल्मीकि का जन्म भील जाति में हुआ था और उनका बचपन का नाम रत्नाकर था। एक डाकू के रूप में जीवन यापन कर रहे रत्नाकर ने एक दिन क्रोच पक्षी के जोड़े में से नर पक्षी के मारे जाने पर मादा पक्षी की वेदना से द्रवित होकर एक श्लोक कहा, जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने उन्हें ऋषि का दर्जा दिया और वाल्मीकि नाम दिया। ब्रह्मा के निर्देश पर ही उन्होंने रामायण की रचना की।

चेयरमैन बैस ने कहा कि वाल्मीकि ने रामायण के अलावा योगवाशिष्ठ, बालकांड और किष्किंधा कांड जैसे अन्य ग्रंथों की भी रचना की। उन्होंने संस्कृत साहित्य और संस्कृति में अमूल्य योगदान दिया, जिसे देश सदैव याद रखेगा।

इस अवसर पर प्रेम सिंह, कमल कुमार सिंह यादव, राज किशोर यादव, शशिकांत पचौरी, अंकित वर्मा, निर्मल कुमार, विकास यादव, मानिकचंद गौतम, जतिन मौर्य, होडलसिंह वर्मा, सुबोध कुमार, शिवम भारद्वाज, अब्दुल मावूड, विनोद कुमार, अश्वनी कुमार, धीरेंद्र कुमार राजपूत, विनीत गौतम, मोहम्मद अयाज, नरेंद्र शर्मा, मधुर वशिष्ठ, अयोध्या प्रसाद सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे।