सेना प्रमुख ने किया बीकानेर और संभाग के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा के लिए बीकानेर सैन्य स्टेशन सहित अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया।

इस दौरान, सेना प्रमुख ने वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व, पूर्व सैनिकों, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों और जवानों से बातचीत की और सेना के आधुनिकीकरण, ऑपरेशनल तैयारियों, तकनीकी क्षमताओं को सुदृढ़ करने तथा ऑपरेशनल उत्कृष्टता पर विशेष जोर को दोहराया।

सेना प्रमुख ने राष्ट्र निर्माण में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए पूर्व सैनिकों लेफ्टिनेंट कर्नल के. हेम सिंह शेखावत (सेवानिवृत्त), लेफ्टिनेंट कर्नल बीरबल बिश्नोई (सेवानिवृत्त), रिसलदार भंवर सिंह (सेवानिवृत्त) और हवलदार नकत सिंह (सेवानिवृत्त) को सम्मानित किया। उन्होंने सभी रैंकों के साथ बातचीत में युद्ध की तेजी से बदलती प्रकृति पर जोर दिया और पूरे ऑपरेशनल स्पेक्ट्रम में यूएएस और काउंटर-यूएएस तकनीकों के एकीकरण के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिससे उभरते खतरों के खिलाफ अनुकूलन क्षमता और तैयारियों में वृद्धि होगी।

बीकानेर में सभी रैंकों और पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए, सेना प्रमुख ने कठिन रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्रों में संचालन के दौरान उनकी निष्ठा, समर्पण और बहु-एजेंसी समन्वय की सराहना की। उन्होंने उच्च ऑपरेशनल तैयारियों को बनाए रखने के लिए सभी स्तरों पर टेक्नोलॉजी अब्सॉर्प्शन के महत्व पर भी जोर दिया।

सेना प्रमुख ने कहा कि वर्तमान जटिल सुरक्षा वातावरण में सशस्त्र बलों, सरकारी एजेंसियों, उद्योग, अकादमी और समाज के बीच निरंतर सहयोग आवश्यक है, ताकि रक्षा तैयारियों के लिए ?Whole-of-Nation? दृष्टिकोण अपनाया जा सके। उन्होंने मिलिट्री-सिविल फ्यूजन के महत्व पर भी जोर दिया और भारत की रक्षा तैयारियों एवं रणभूमि में श्रेष्ठता को मजबूत करने में पूर्व सैनिकों के योगदान की सराहना की

सेनाध्यक्ष ने घड़साना सेक्टर में अग्रिम क्षेत्रों का दौरा कर की संचालनात्मक तैयारियों की समीक्षा

भारतीय थलसेना प्रमुख, जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने घड़साना सेक्टर के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा कर संचालनात्मक तैनाती एवं तैयारियों की समीक्षा की।

दौरे के दौरान सेनाध्यक्ष को वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य एवं तैनात सेनाओं की उच्च स्तरीय संचालनात्मक तैयारियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। उन्होंने अग्रिम रक्षा व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और भारतीय सेना की किसी भी चुनौती का डटकर सामना करने की क्षमता पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया।

जनरल द्विवेदी ने अग्रिम क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों, सैनिकों एवं सीमा सुरक्षा बल के जवानों से संवाद किया। उन्होंने उनकी व्यावसायिक दक्षता, सतर्कता तथा भारतीय थलसेना, अन्य तीनों सेनाओं एवं बीएसएफ के बीच समन्वय की भावना की सराहना की, जो सीमाओं की सुरक्षा हेतु उत्कृष्ट संयुक्तता का परिचायक है।

सेनाध्यक्ष ने कठिन परिस्थितियों में कार्यरत सैनिकों के मनोबल और युद्धक तैयारी की प्रशंसा की तथा उन्हें सतत सतर्क रहने एवं संयुक्त समन्वय बनाकर किसी भी खतरे का प्रभावी ढंग से सामना करने का आह्वान किया। उन्होंने बल दिया कि अन्य सेनाओं एवं बीएसएफ के साथ एकीकरण, इस सेक्टर में संचालनात्मक क्षमता को और सशक्त बनाता है।

सेनाध्यक्ष की इस यात्रा से अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों का मनोबल और ऊँचा हुआ तथा राष्ट्र की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा के प्रति भारतीय सेना की अटूट प्रतिबद्धता पुनः दृढ़ हुई।