चंदौली News:चकिया नगर में पहली बार टूटा रिकॉर्ड, एक दर्जन दुर्गा पूजा पंडालों में ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने निहारी भव्यता और सुंदरता, मेले का लिया आनंद

सप्तमी से नवमी तक उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, विजयदशमी पर भीड़ का उत्साह बना चर्चा का विषय

पुलिस-प्रशासन की सूझबूझ से शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ पर्व, सुरक्षा में चूक की न मिली कोई गुंजाइश

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया।नवरात्रि का पावन पर्व इस बार चकिया नगर में कुछ अलग ही नज़ारा पेश कर गया। पहली बार यहां श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। नगर के एक दर्जन से अधिक भव्य पंडालों में ढाई लाख से भी अधिक श्रद्धालु पहुंचे और माता रानी की आराधना के साथ ही पंडालों की सुंदरता का भरपूर आनंद उठाया।

नगर में प्रमुख स्थानों महाराजा का किला, पूर्वी बाजार, मुहम्मदाबाद बड़ी नहर के पास, सहदुल्लापुर, चौक झंडा, लोहठिया मार्केट, बीपी सिंह चौराहा, गुरुद्वारे के पास और थाने के पास भव्य पंडाल स्थापित किए गए थे। सप्तमी से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ना शुरू हो गया था जो नवमी तक चरम पर पहुंच गया।विजयदशमी के दिन जहां भारत मिलाप और रावण दहन देखने लोग जुटे, वहीं पंडालों में भी श्रद्धालुओं की रौनक बनी रही। लोग भव्य प्रतिमाओं और आकर्षक सजावट को अपने कैमरे और मोबाइल में कैद करते नजर आए।इस बार भीड़ इतनी अधिक रही कि नगर में रिकॉर्ड भीड़ शब्द चर्चा का विषय बन गया। स्थानीय लोगों के अनुसार ऐसा नजारा इससे पहले कभी नहीं देखा गया था।

इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने भी कड़ा इंतजाम किया। थाना प्रभारी अर्जुन सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल की विशेष तैनाती जगह-जगह की गई। पुलिसकर्मी लगातार गश्त पर रहे, जिसके कारण किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं हो पाई पुलिस की मुस्तैदी और प्रशासन की कार्यशैली के चलते पूरा पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। भक्तों ने भी प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की।

*रैन बसेरे की कमी बनी समस्या*
हालांकि, भीड़ बढ़ने के साथ कुछ परेशानियां भी सामने आईं। दूर-दराज़ से आए श्रद्धालु देर रात तक नगर में फंसे रहे। किसी तरह की रैन बसेरा व्यवस्था न होने के कारण कई श्रद्धालुओं को दुकानों के शटर के किनारे रात गुजारनी पड़ी।सुबह होने पर वे अपने-अपने गंतव्यों की ओर लौट गए। स्थानीय लोगों ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए नगर प्रशासन को अस्थायी रैन बसेरे की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

*भव्यता और भीड़, दोनों बनी चर्चा का केंद्र*
तीन दिनों तक नगर में धार्मिक माहौल चरम पर रहा। मंदिरों से लेकर पंडालों तक माता रानी के जयकारे गूंजते रहे। एक ओर जहां कलाकृतियों और सजावट की भव्यता श्रद्धालुओं का मन मोह रही थी, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रशासनिक व्यवस्था की परीक्षा ले रही थी।फिर भी, इस बार की नवरात्रि और विजयदशमी चकिया नगर के लिए यादगार बन गई। लोग इसे आने वाले वर्षों के लिए सबसे बड़ी भीड़ का पर्व कहकर याद करेंगे।