पंजाब के लिए प्रमुख रेलवे विकास: नई रेल लाइन और वंदे भारत एक्सप्रेस

पंजाब के लिए प्रमुख रेलवे विकास: नई रेल लाइन और वंदे भारत एक्सप्रेस

छठ और दिवाली के दौरान 12,000 विशेष ट्रेनें चलेंगी; पिछले साल 7500 से ज़्यादा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पंजाब के लिए एक और बड़ी रेल उपलब्धि हासिल हुई है। पंजाब में लंबे समय से प्रतीक्षित राजपुरा-मोहाली नई रेल लाइन को मंज़ूरी मिल गई है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने यह घोषणा की। इससे पंजाब के लोगों की 50 साल से भी ज़्यादा पुरानी मांग पूरी हो गई है।

18 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर 443 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह मालवा क्षेत्र को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से सीधे जोड़ेगी।

नई लाइन के प्रमुख लाभ

मालवा क्षेत्र के सभी 13 जिले अब चंडीगढ़ से अच्छी तरह जुड़ जाएँगे। इससे मौजूदा राजपुरा-अंबाला मार्ग पर यातायात सुगम होगा और अंबाला-मोरिंडा संपर्क छोटा हो जाएगा।

सभी उपलब्ध विकल्पों में से, इस मार्ग को इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें कृषि भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता सबसे कम है, जिससे कृषि गतिविधियों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।

आर्थिक प्रभाव

यह परियोजना कपड़ा, विनिर्माण और कृषि सहित उद्योगों को बढ़ावा देगी। यह पंजाब के कृषि क्षेत्र को प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों और बंदरगाहों से जोड़ने वाला एक व्यापक नेटवर्क बनाएगी, जिससे निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त होंगी:

सीधा संपर्क: पहले लुधियाना से चंडीगढ़ पहुँचने के लिए ट्रेनों को अंबाला होकर जाना पड़ता था, जिससे दूरी और समय दोनों बढ़ जाते थे। अब राजपुरा और मोहाली के बीच सीधा संपर्क होगा, जिससे यात्रा की दूरी लगभग 66 किलोमीटर कम हो जाएगी।

● कृषि उपज की तेज़ आवाजाही

● राजपुरा थर्मल पावर प्लांट जैसे उद्योगों के लिए परिवहन लागत में कमी

● धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और पर्यटन क्षमता में वृद्धि

● गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब, शेख अहमद अल-फारुकी अल-सरहिंदी की दरगाह, हवेली टोडर मल, संघोल संग्रहालय आदि से कनेक्टिविटी।

नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा

एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा प्रस्तावित है जो निम्नलिखित को जोड़ेगी

●मार्ग: फिरोजपुर कैंट भटिंडा पटियाला दिल्ली

●सेवा: सप्ताह में 6 दिन (बुधवार को छोड़कर)

●यात्रा समय: 6 घंटे 40 मिनट, 486 किमी की दूरी तय करेगी

● आवृत्ति: सीमावर्ती जिले को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाली दैनिक सेवा

पंजाब में रिकॉर्ड रेलवे निवेश

● 2009-14 औसत: 225 करोड़ रुपये सालाना

● 2025-26: 5,421 करोड़ रुपये सालाना

● पिछली सरकार की तुलना में 24 गुना वृद्धि

2014 से अब तक की प्रमुख उपलब्धियाँ:

● 382 किलोमीटर नई पटरियों का निर्माण

● 1,634 किलोमीटर विद्युतीकरण - पंजाब अब 100% विद्युतीकृत

● 409 रेल फ्लाईओवर और अंडर-ब्रिज का निर्माण

*वर्तमान परियोजनाएँ*:

● पंजाब में 25,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएँ क्रियान्वित

● 21,926 करोड़ रुपये की लागत से 714 किलोमीटर लंबी 9 नई ट्रैक परियोजनाएँ

● 1,122 करोड़ रुपये की लागत से 30 अमृत स्टेशनों का विकास किया जा रहा है

● 1,238 करोड़ रुपये की लागत से 88 आरओबी/आरयूबी (फ्लाईओवर/अंडरपास)

2014 से महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी तरह से चालू हो गईं

परियोजना

1-नंगल बांध - दौलत पुर चौक नई लाइन (61 किलोमीटर, 672 करोड़)

2-चक्की बैंक-भरोली दोहरीकरण (3 किमी, 15 करोड़)

3-जाखल-मनसा दोहरीकरण (45 किलोमीटर, 163 करोड़)

4-जालंधर - सुचि पिंड दोहरीकरण (4 किमी, 24 करोड़)

5-अम्बाला-चंडीगढ़ दोहरीकरण (45 किलोमीटर, 338 करोड़)

6-मनसा-भटिंडा दोहरीकरण (49 किमी, 216 करोड़)

7-अमृतसर - छेहरटा दोहरीकरण (7 किलोमीटर, 31 करोड़)

8-जालंधर-जम्मू तवी दोहरीकरण (211 किलोमीटर, 850 करोड़)

9-राजपुरा-बठिंडा दोहरीकरण (173 किमी, 2,459 करोड़)

निर्माणाधीन मुख्य परियोजनाएँ

परियोजना

1-नंगल डैम-तलवाड़ा नई लाइन (123 किमी, 2,018 करोड़)

2-भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी नई लाइन (63 किमी, 6,753 करोड़)

3-फ़िरोज़पुर-पट्टी नई लाइन (26 किमी, 300 करोड़)

4-मानसा-भटिंडा दोहरीकरण (80 किमी, 449 करोड़)

5-लुधियाना-किला रायपुर दोहरीकरण (17 किमी, 238 करोड़)

6-लुधियाना-मुल्लांपुर दोहरीकरण (21 किमी, 295 करोड़)

7-अलाल-हिम्मतना - दोहरीकरण (13 किमी, 174 करोड़)

फिरोजपुर-पट्टी रेल लाइन सीमावर्ती जिलों और गुजरात के बंदरगाहों के बीच महत्वपूर्ण संपर्क प्रदान करेगी। यह सेवा पंजाब के सीमावर्ती जिलों (अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर) को जोड़ने वाला एक आर्थिक गलियारा बनाएगी।

ये प्रमुख शहरों और अंततः गुजरात के बंदरगाहों से जुड़ेंगे, जिससे रसद लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।

त्योहारों का मौसम: रिकॉर्ड रेल सेवाएँ

आगामी छठ और दिवाली के मौसम के लिए, भारतीय रेलवे ने रिकॉर्ड व्यवस्थाओं की घोषणा की है:

*विशेष रेल सेवाएँ:

● पिछले वर्ष: 7,724 विशेष रेलगाड़ियाँ

● इस वर्ष लक्ष्य: 12,000 विशेष रेलगाड़ियाँ

● पहले ही अधिसूचित: 10,000 से अधिक फेरे

● अनारक्षित रेलगाड़ियाँ: 150 रेलगाड़ियाँ शीघ्र परिचालन के लिए तैयार

● अतिरिक्त: 50 और रेलगाड़ियाँ जल्द ही अधिसूचित की जाएँगी

यात्रियों की अधिकतम आवाजाही आमतौर पर 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होती है और रेलवे इस भीड़ को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार है।

सेवा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज घोषणा की कि रेलवे परिचालन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और देश भर के 70 में से 29 रेलवे मंडलों में 90% से अधिक समयपालन दर हासिल की गई है। कुछ मंडलों ने 98% से अधिक समयपालन दर के साथ प्रदर्शन किया है।

यह बेहतर बुनियादी ढाँचे, योजना और रेलवे नेटवर्क में सुचारू संचालन के कारण संभव हुआ है।