शिक्षा के साथ ,न्याय पूर्ण शांतिपूर्ण टिकाऊ समाज के निर्माण में आमजन अपनी भूमिका निभाये: महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े 

श्रीगंगानगर से राकेश मितवा�

शिक्षा के साथ ,न्याय पूर्ण शांतिपूर्ण टिकाऊ समाज के निर्माण में आमजन अपनी भूमिका निभाये: महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े�


श्री गंगानगर में आज महामहिम राज्यपाल हरी भाऊ बागडे जी ने अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान आमजन से शिक्षा के साथ-साथ न्याय पूर्ण टिकाऊ समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया ।श्रीगंगानगर में सेठ गिरधारी लाल सनातन धर्म शिक्षा ट्रस्ट के 75 साल पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित शिक्षा का अमृत महोत्सव शताब्दी की और कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में �बिहानी ट्रस्ट के अध्यक्ष विधायक जयदीप बिहानी को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि 75 साल पहले जो पौधारोपण किया,उसका नाम सनातन धर्म के नाम पर रखा, यह अच्छी बात है।�
� � � उन्होंने कहा कि देश की आजादी के समय पंत प्रधान जवाहरलाल नेहरू ने जहां हमारे देश को सेकुलर रहने वाला है ऐसा घोषित किया, वहीं पाकिस्तान ने अपने आप को इस्लामिक देश घोषित किया। ऐसे समय में �बिहानी ट्रस्ट ने अपने शिक्षण संस्थान का नाम सनातन धर्म �रखा, यह बहुत बड़ी बात है।�
� � � � �इस अवसर पर राज्यपाल महामहिम बागडे जी ने संस्था के 75 साल इतिहास में विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों को भी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया ,इससे पूर्व कार्यक्रम में बिहानी ट्रस्ट के 75 साल सफर को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया तथा शिक्षा खेल एवं अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों एवं स्टाफ को भी पुरस्कार किया गया। कार्यक्रम�
� � � � में बिहानी ट्रस्ट के अध्यक्ष जयदीप बिहानी ने महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु मनोज दीक्षित ,प्रमुख ट्रस्टी सतीश जैन का भी स्वागत किया। विधायक जयदीप बिहानी ने महामहिम राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े को भेट किए गए अभिनंदन पत्र का वाचन किया। वहीं संस्था के सचिव हिमांशु बिहानी ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया व सभी ने मिलकर �राजपाल बागड़े जी का स्वागत 51किलो की माला पहना कर किया गया। इस अवसर पर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय तक पूर्व सांसद निहालचंद , स्वामी ब्रह्मदेव सहित अनेक गणमान्य नागरिक गण उपस्थित रहे� महामहिम राज्यपाल ने शिक्षा, संस्कृति, सहिष्णुता ओर साक्षरता पर भी अपने बेबाक विचार व्यक्त किए। उन्होंने हिंदू ओर सनातन धर्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि � मानवीय मूल्यों को सीखाने वाला यही एकमात्र धर्म है। उन्होंने हिंदू धर्म के विस्तार को बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान तक पहले हिंदुस्तान फैला हुआ था । पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि डिस्कवरी ऑफ इंडिया में लिखा है कि अफगानिस्तान में पहले हिंदू ही निवास करते थे ,।
� � � इससे पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों को चाहिए कि वह अपनी एकाग्रता व मेहनत वा आत्मविश्वास को बढ़ाएं। � � ��
� � � स्वामी विवेकानंद के जीवन के प्रसंग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पूरा विश्व साक्षर हो यही यूनेस्को चाहता है और यही भारतीय संस्कृति का मूल भी है जीवन को उत्कृष्ट की ओर ले जाने वाली ज्ञान परंपरा का विकास हो, राष्ट्र की उन्नति उनके प्राकृतिक संसाधनों से नहीं बल्कि मानवीय संसाधनों से होती है और मानव संसाधन तभी सशक्त बनेंगे जब वह उत्तम शिक्षा और संस्कार से युक्त हो।�