सरस्वती शिशु मंदिर गरियाबंद में माताओं की मासिक बैठक का भव्य आयोजन*

गरियाबंद!शनिवार को *सरस्वती शिशु मंदिर गरियाबंद में कक्षा अरुण* और *कक्षा उदय* की *माताओं की मासिक बैठक* का भव्य आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में कुल *71 माताएं* उपस्थित हुईं, जिन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा और विकास से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत और सार्थक चर्चा की गई:
- *पाठ्य पुस्तक से कैसे पढ़ाना*: माताओं को यह समझाया गया कि कैसे वे अपने बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के माध्यम से प्रभावी ढंग से पढ़ा सकती हैं।
- *पाठ्यचर्या*: विद्यालय की पाठ्यचर्या के बारे में माताओं को जानकारी दी गई और उन्हें अपने बच्चों के शैक्षिक विकास में कैसे योगदान दे सकती हैं, इस पर चर्चा की गई।
- *भोजन किस प्रकार का हो*: माताओं के साथ इस बात पर चर्चा की गई कि बच्चों के लिए स्वस्थ और पौष्टिक भोजन क्या होना चाहिए और कैसे वे अपने बच्चों को सही आहार प्रदान कर सकती हैं।
- *भैया-बहन के गणवेश पर चर्चा*: माताओं ने अपने बच्चों के लिए उचित गणवेश के चयन और उसकी देखभाल के बारे में चर्चा की।
- *जन्मदिन कैसे मनाना - विद्यालय एवं घर में*: माताओं को बताया गया कि कैसे वे अपने बच्चों के जन्मदिन को विद्यालय और घर में मनाने के लिए सार्थक और आनंददायक तरीके अपनाएं।
- *संस्कार गतिविधियाँ*: बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा की गई।
- *गृह कार्य*: माताओं को यह समझाया गया कि कैसे वे अपने बच्चों के गृह कार्य में सहायता कर सकती हैं और उनके शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतर बना सकती हैं।
- *भैया-बहन के दिनचर्या*: बच्चों की दिनचर्या को व्यवस्थित और संतुलित बनाने के तरीकों पर चर्चा की गई।कक्षा उदय में *सहायक शिक्षक* ने सामग्री के साथ माताओं को *भैया-बहन के पठन-पाठन को बेहतर बनाने* के लिए सार्थक और व्यावहारिक चर्चा की। इस अवसर पर माताओं के लिए *आंदोलनात्मक और आनंददायक खेल* भी आयोजित किए गए, जिससे उनका अनुभव और भी सुखद बना।कार्यक्रम के पश्चात*, माताओं का *अभिव्यक्ति कथन* करवाया गया, जिसमें एक माता ने कहा कि *आज का कार्यक्रम बहुत अच्छा रहा* और उन्होंने आशा व्यक्त की कि *बच्चों के सर्वांगीण विकास* के लिए इस तरह की बैठकें प्रतिमाह होनी चाहिए।इस पूरे कार्यक्रम में *विद्यालय के प्राचार्य*, *प्रधानाचार्य*, और *समस्त शिशु वाटिका के दीदी आचार्य जी* उपस्थित रहे और उन्होंने इस बैठक को सफल और यादगार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।