बाघों के साम्राज्य में जॉयराइड के नाम पर दखलंदाजी, बीटीआर में चल रहा है लेन-देन का खेल..!

उमरिया जिले के गौरवपूर्ण दुनिया भर में मशहूर राष्ट्रीय उद्यान बाधवगढ़ टाइगर रिसर्व में जॉयराइड के नाम पर लॉज संचालकों और विभागीय मिली भगत से बाघों के साम्राज्य में दखलंदाजी की जा रही है, चंद कौड़ी के दामों को लेकर एनटीसीए के नियमों को धता बता बाघों का दीदार करा उन्हें डिस्टर्ब किया जा रहा है.

सिटीअपडेट/उमरिया।विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिसर्व आए दिन अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहता हैं, वहीं फिर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एक बार लचर व्यवस्था और भ्रष्टाचार के कारण सुर्खियों में आया है. भारत सरकार हो चाहे राज्य सरकार टाइगर रिजर्व के प्रति क्यों न भ्रष्टाचार के खिलाफ कितना ठोस कदम उठा ले लेकिन अधिकारी कहीं ना कहीं से कमाई का जरिया बना ही लेते हैं. फिर बीटीआर में मामला टिकट का हो, हाथी का हो या गाड़ी का। सूत्रों की माने तो बीटीआर से एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जहाँ आज (शुक्रवार) सुबह मगधी जोन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन टी42 अपने शावकों के साथ शिकार खा रही थी की तभी आगरा लाज में ठहरे पर्यटक आकाश नागर एवं 9 पर्यटक अन्य जो जिप्सी क्रमांक एमपी 54T7032 एवं MP54T1107 में बैठ कर आए और चंद कौड़ी के दामों से पर्यटकों को पहले की गई हाथी की स्पेशल व्यवस्था से उसका टाइगर शो जॉइराइड कराया गया. सूत्रों की माने तो जिस बाघिन का दीदार कराया जा रहा है वह बाघिन पहले से ही चोटिल है जिसे कुछ ड्राइवर एवं गाइड द्वारा देखा भी गया था, लेकिन बाघिन किसी तरह से अपने बच्चों के साथ पल रही है, सूत्रों का यह भी दावा है की टी42 कई बार अन्य बाघों से अपने बच्चों के बचाव में फाइटिंग करके घायल हुई है जिसका इलाज पार्क प्रबंधन के द्वारा कई बार किया गया है किंतु बांधवगढ़ में उपरोक्त बाघिन का कोई दर्द समझने वाला नहीं है और महज चंद कौड़ी के दामों में ईमान बेंचकर उसका टाइगर शो जॉइराइड के नाम पर कराया जा रहा है. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आश्चर्य तो यह जानकर हुआ कि एक पर्यटक लगभग एक माह से हाथी के लिए प्रयास कर रहा है कि उसे जॉइराइड की सफारी दे दी जाए किंतु हाथी प्रभारियों द्वारा यह बताया गया कि क्षेत्र संचालक के द्वारा हाथी जॉयराइड सफारी प्रतिबंधित है यदि दि भी जाएगी तो हाथी केवल निर्धारित मार्ग पर जाएगा यदि कोई बाघिन शिकार पर अपने बच्चों के साथ है तो वहां हाथी नहीं जा सकता. ग़ौरतलब है कि यदि भारत सरकार के राज्यपत्र, NTCA के गाइड लाइन को माने तो हाथी से किसी प्रकार किसी एनिमल की फोटोग्राफी नहीं कराई जा सकती और यदि बाघिन किल पर बच्चों के साथ बैठी हो तो उसको किसी प्रकार से परेशान नहीं किया जा सकता है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र के पर्यटन अधिकारियों द्वारा इस बात की बिल्कुल चिंता जाहिर नहीं की जा रही है कि बाघों के जीवनयापन पर क्या असर पड़ेगा.

इन्होंने कहा -

मुझे पर्यटन प्रभारी ने जानकारी दी है, जॉइराइड के दौरान टाइगर शो नहीं किया जा सकता और यदि ऐसा किया गया तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

निल शुक्ला, उपवन मंडलाधिकारी एवं पर्यटन अधिकारी, बीटीआर