गुजरात के अहमदाबाद में हुई बोइंग विमान की दुर्घटना से संपूण देश की जैन समाज चिंतित श्री सम्मेदशिखर में मुनि एवं आर्यिका संघ के सानिध्य में वृहद मंत्रों से शांतिधारा एवं श्री शांतिनाथ महामं

*गुजरात के अहमदाबाद में हुई बोइंग विमान की दुर्घटना से संपूण देश की जैन समाज चिंतित श्री सम्मेदशिखर में मुनि एवं आर्यिका संघ के सानिध्य में वृहद मंत्रों से शांतिधारा एवं श्री शांतिनाथ महामंडल विधान*
गिरीडीह (मधुवन)
हमारा देश एक बहूत बड़े कुटुम्ब परिवार जैसा है हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई जैन और वौद्ध सभी मिलकर के रहते हे, किसी भी समुदाय का दुःख राष्ट्र का दुःख माना जाता है तथा किसी भी समुदाय की खुशी राष्ट्र कि खुशी मानी जाती है उपरोक्त उदगार निर्यापक श्रमण समतासागर महाराज ने प्रातःकाल गुणायतन श्री सम्मैदशिखर में व्यक्त किये।
मुनि श्री ने कहा कि समाचार मिला कि अहमदाबाद (गुजरात) से 242 यात्री अपनी यात्रा पर आगे बड़ रहे थे फ्लेन में तकनीकी खराबी आई और पायलट सहित सभी यात्री असमय में ही काल कवलित हो गये विमान जिस स्थान पर गिरा वह स्थान भी डाक्टर विद्यार्थी चपेट में आ गये कोई एक विरला यात्री अपने भाग्य से और चम्तकारिक तरीके से जीवित बच सका यह उसका अपना भाग्य था बाकी सभी यात्री असमय काल कवलित हो गये इस समाचार ने संपूर्ण देश को झझकोर दिया जैन समाज भी विचलित है इसी करूणा भाव से ओतप्रोत होकर उन सभी व्यक्तिओं को तथा उनके परिवार को शांति की प्राप्ति हो,दुःख की इस घड़ी में उन सभी को सांत्वना के भाव से संत समाज ने करते हुये जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ श्री सम्मेदशिखर जी के गुणायतन में निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज, मुनि श्री पवित्रसागर महाराज, मुनि श्री पूज्यसागर महाराज, मुनि श्री अतुल सागर महाराज स संघ, तथा आर्यिकारत्न गुरुमति माताजी एवं आर्यिकारत्न दृणमति माताजी स संघ सानिध्य में गुणायतन परिवार के कार्यकर्ताओं ने विश्वशांति की कामना से तथा सभी मृत आत्माओं की शांति के लिये वृहद शांतीधारा करके समस्त शोक संतप्त परिवारों के लिये सांतवना प्रकट की गई मुनि संघ ने उन सभी परिवारों को विशेष आशीर्वाद दिया तथा दौपहर में श्री शांतिनाथ महा मंडल विधान संपन्न हुआ उस मंत्रों में वृहद ऋद्धि मंत्रों के साथ विश्व शांति की कामना से आहुतियां प्रदान की गई, इसमें आर्यिका संघ तथा ऐलक जी ने मंत्रोच्चारण किया तथा निर्यापक मुनि श्री समतासागर महाराज ने संवोधन देकर उन सभी मृतक परिवारों के लिये करूणा भाव प्रकट करते हुये विधी विधान पूर्वक यह विधान संपन्न हुआ।अविनाश जैन विद्यावाणी।