ऑपरेशन ज़मीन वापसी: नसीराबाद में सरकारी ज़मीन पर लुटेरों की बादशाहत खत्म, बुलडोज़र बना इंसाफ का हथियार

नसीराबाद की सरकारी ज़मीन पर सालों से फैले कब्जे, अब इतिहास बनने लगे हैं। सोमवार को छावनी परिषद ने एक ऐसा अभियान चलाया, जिसे लोग लंबे समय तक ?ऑपरेशन ज़मीन वापसी? के नाम से याद रखेंगे।

जहां पहले केबिनों की आड़ में चलती थी काली कमाई, वहीं अब गूंजा बुलडोज़र का न्याय। अवैध कब्जों को चीरता हुआ पीला पंजा जैसे ही व्यापारिक स्कूल, बस स्टैंड, मिशन रोड और शहीद स्मारक इलाके में पहुंचा, भूमाफिया तितर-बितर हो गए।

कैंटोनमेंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर हरीश कुमार और सीईओ डॉ. नीतिश गुप्ता ने मोर्चा संभालते हुए साफ संदेश दे दिया ? ?अब ज़मीन पर सिर्फ हकदार जिएंगे, लुटेरे नहीं।?

यह कोई सिर्फ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं थी, यह व्यवस्था को बचाने का एक संग्राम था।

जहां एक ओर लालच में डूबे किराया माफिया हक्के-बक्के रह गए, वहीं मेहनतकश गरीबों को वही ज़मीन अब उनकी रोज़ी-रोटी के लिए दी गई। यह प्रशासनिक कार्यवाही 'अत्याचार नहीं, अधिकार' की नीति पर आधारित रही।

अभियान में डटे रहे सच्चे सिपाही ? मनोनीत सदस्य सुशील गदिया, सिविल इंजीनियर विश्वेंद्र सिंह, जल विद्युत प्रभारी सतीश कुमार, सफाई प्रभारी आशीष शर्मा और पूरी टीम।

सीईओ डॉ. नीतिश गुप्ता ने बताया कि कुछ जिम्मेदार नागरिकों ने खुद आगे बढ़कर अपने अतिक्रमण हटाए। इन लोगों को "सम्मान प्रमाण पत्र" और सार्वजनिक मंच से सराहना दी जाएगी, ताकि बदलाव की ये अलख कायम रहे।