हाथी के हमले में गई जान, वन विभाग की चुप्पी ने बढ़ाया जनाक्रोश

CITIUPDATE NEWS(संतोष सारथी)कोरबा/जिले पौड़ी- उपरोड़ के ग्राम बनिया में बीती रात हाथी के हमले में एक ग्रामीण की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान तीजराम निर्मलकर (निवासी मुरली) के रूप में हुई है, जो अपनी ससुराल बनिया आया हुआ था। यह हादसा उस समय हुआ जब वह अपने एक साथी के साथ ईंट भट्ठे से लौट रहा था, तभी रास्ते में एक हाथी ने हमला कर दिया। साथी किसी तरह जान बचाने में सफल रहा, लेकिन तीजराम को हाथी ने कुचलकर मार डाला। ग्रामीणों ने बताया कि घटना की सूचना शाम 7:30 बजे ही वन विभाग को दे दी गई थी, लेकिन विभाग के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने रात 12 बजे तक मौके पर पहुंचने की ज़हमत नहीं उठाई। इस लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश फैल गया। उन्होंने पुलिस और वनकर्मियों के सामने तेज विरोध प्रदर्शन किया और वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाने की मांग की। दो घंटे तक चली तीखी बहस और हंगामे के बाद, प्रशासन ने मृतक के परिजनों को 25,000 रुपये की तत्काल राहत राशि प्रदान की। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया। हालांकि, ग्रामीणों ने वन विभाग की देरी और संवेदनहीनता की कड़ी आलोचना की।

हाथियों का आतंक, वन विभाग मौन- बनिया-चोटिया क्षेत्र में हाथियों का आतंक कोई नया मामला नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में अक्सर हाथियों की आवाजाही होती है, लेकिन वन विभाग ने अब तक न तो सतत निगरानी की व्यवस्था की है और न ही कोई चेतावनी प्रणाली विकसित की गई है। यह घटना वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि वन विभाग की लापरवाही का परिणाम है, जो ग्रामीणों की सुरक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता को उजागर करता है।