कानूनगो और लेखपाल की भूमिका संदिग्ध आरोप

ऊंचाहार,रायबरेली।पीड़ित की भूमि गाटा सं0 4028/0.365 हेo विपक्षी की भूमि गाटा संख्या 4027 / 0.292 हे० है।जिसमें साढ़े 4 मी०पीड़ित के आशिक भू-भाग पर विपक्षी ने कब्जा कर रखा है और जो पीड़ित की खेत का मेड़ है।उस पर विपक्षी विवाद कर रहा है।जिसे लेखपाल कानूनगो ने 28 जनवरी 2025 को सीमांकन किया व पीड़ित के मेड का आधा आधा बटवारा किया और पिलर लगाया गया।उसके बाद विपक्षी ने 8 अप्रैल 2025 को हकबरारी सीमांकन कराया।जिसमें विपक्षी का अवैध कब्जा स्वीकार किया।जिसकी सीमांकन रिपोर्ट आज तक नहीं लगायी गई और न किसी सक्षम अधिकारी के पास प्रस्तुत की गई।जिसमें बिना कोई नोटिस न किसी न्यायालय का आदेश फेर बदल करने के उद्देश्य से विपक्षी अपने निजी खर्चे पर लेखपाल कानूनगो को बुलाकर पीड़ित की जमीन पर पैमाइस करके विवाद उत्पन्न किया।जबकि विपक्षी के खेत को नहीं नापा गया।पीड़ित ने राजस्व परिषद को प्रार्थना पत्र देकर निष्पक्ष जांच कराकर कार्यवाही किये जाने की मांग की है।गौरतलब हो कि पीड़ित मनोज कुमार पुत्र स्वर्गीय छेदीलाल निवासी बरसवांं मजरे कंदरावा का मूल निवासी है।पीड़ित के गांव के ही धनाढ्य व्यक्ति राम आधार पांडेय पुत्र स्वर्गीय राम संजीवन पांडेय,विनय पांडेय,विपिन पांडेय पुत्र गण राम आधार पांडेय मनमाफिक जमीन की रिपोर्ट लगवाने हेतु लेखपाल कानूनगो को मिलाकर पैमाइस करवाते है।जब विपक्षी के भूमि को नापने के लिए लेखपाल व कानूनगो से कहा जाता है तो बताते है की नक्शा खराब है।जिससे विपक्षी को एकपक्षीय लाभ पहुंचाने के चक्कर में पक्षपात करते है।विपक्षी के मना करने पर उक्त सीमांकन के रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल नहीं करते।जिससे उसको साढ़े 4 मीoपीड़ित की भूमि को छोड़ना पड़े।जिससे पीड़ित ने कानूनगो सहित लेखपाल पर रुपए लेकर पैमाईश की रिपोर्ट में फेर बदल करने का आरोप लगाया है और बताया कि विपक्षी राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलकर तरह-तरह से पीड़ित को परेशान करने में इस्तेमाल करते है।पीड़ित ने पूरे प्रकरण की जांच कराकर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।पीड़ितों को न्याय की जगह पर दर दर भटकने पर राजस्व के लोग मजबूर करते है।जबकि राजस्व विभाग के पास जमीन से संबंधित सारे दस्तावेज मौजूद होने के बाद भी दोनों पक्षों को आपस में विवाद उत्पन्न कराते हैं।