शादी का झांसा देकर छह वर्षों तक शोषण, पीएचई विभाग के एसडीओ पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप

पीड़िता ने राज्यपाल तक लगाई न्याय की गुहार, आरोपी फरार

मुख्य बिंदु:

  • 2018 से 2024 तक शादी का झांसा देकर संबंध बनाने का आरोप
  • पीड़िता 2023 में गर्भवती हुई, जबरन कराया गया गर्भपात
  • आरोपी की सगाई और शादी का खुलासा होने पर टूटा भरोसा
  • शिकायत के बाद आरोपी फरार, जांच में जुटी पुलिस

बिलासपुर, छत्तीसगढ़।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग में कार्यरत एसडीओ (सहायक अभियंता) के खिलाफ एक महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए सिविल लाइन थाना, बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर लगातार छह से सात वर्षों तक शारीरिक शोषण किया। जब पीड़िता को आरोपी की शादी तय होने की जानकारी मिली, तब जाकर उसने न्याय के लिए पुलिस से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगाई।

घटना का विस्तृत विवरण:

पीड़िता की मुलाकात दिसंबर 2018 में आरोपी से हुई थी, उस समय आरोपी बिलासपुर पीएचई विभाग में पदस्थ था। मार्च 2019 में आरोपी ने पीड़िता को शादी का प्रस्ताव दिया और विश्वास दिलाया कि वह उससे विवाह करेगा। इसी भरोसे में दोनों के बीच संबंध बनते रहे। पीड़िता का आरोप है कि एक दिन आरोपी उसे उसके कार्यस्थल से अपने मकान ले गया और शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद यह सिलसिला वर्षों तक चलता रहा।

इस दौरान, वर्ष 2023 में पीड़िता गर्भवती भी हो गई, लेकिन आरोपी ने दबाव डालकर गर्भपात करवा दिया। पीड़िता ने बताया कि आरोपी के परिजनों को भी उनके रिश्ते की जानकारी थी और वे भी यह मानते थे कि दोनों की शादी पारंपरिक ढंग से होगी। मगर जब भी पीड़िता शादी की बात करती, आरोपी टालमटोल करता रहा।

सच सामने आने का घटनाक्रम:

14 अप्रैल 2025 को आरोपी का जन्मदिन था, जिसे वे पिछले वर्षों से साथ में मनाते थे। लेकिन इस वर्ष वह नहीं आया, जिससे पीड़िता को संदेह हुआ। उसने जब अपने परिचितों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि आरोपी की सगाई मार्च में हो चुकी है और 20 अप्रैल को उसकी शादी तय है।

इस खुलासे के बाद पीड़िता ने सिविल लाइन थाना, बिलासपुर में एफआईआर दर्ज करवाई और साथ ही राज्यपाल को भी शिकायत पत्र भेजकर न्याय की मांग की।

आरोपी वर्तमान में फरार:

मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार है। वर्तमान में वह जांजगीर-चांपा जिले में एसडीओ के पद पर कार्यरत है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। पीड़िता ने न्याय के लिए उच्च स्तर तक अपील की है और मांग की है कि आरोपी पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

कानूनी पक्ष:

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (दुष्कर्म), 417 (धोखाधड़ी), और अन्य संबंधित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। अगर आरोप सिद्ध होते हैं तो आरोपी को कठोर सजा हो सकती है।

समाज में उठते सवाल:

इस मामले ने सरकारी महकमे में कार्यरत अधिकारियों की नैतिकता और जिम्मेदारी पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। एक अधिकारी के द्वारा इतने लंबे समय तक एक महिला को गुमराह करना और बाद में विवाह से मुकर जाना, न केवल आपराधिक है, बल्कि समाजिक रूप से भी अत्यंत निंदनीय है|

Citiupdate के लिए समीर खूंटे की रिपोर्ट...