शहीद स्मारक स्थल पर ठेकेदार ने दो शहीदों के नाम की लगाई पटिया

शहीद स्मारक स्थल पर ठेकेदार ने दो शहीदों के नाम की लगाई पटिया....

करहल तहसील के नगला टांक अमर शहीद रामाधार सिंह यादव नगला टांक के नाम पर स्वीकृत शहीद स्मृति द्वार के निर्माण में ठेकेदार द्वारा की गई गंभीर भ्रष्टाचार एवं शहीद की स्मृति के स्थल पर रात में ठेकेदार ने गेट पर लगाई दूसरे शहीद नाम की पटिया

शाहिद के परिवार ने जिलाधिकारी से की शिकायत

शहीद के परिवार का कहना हैं विश्वनाथ सिंह पुत्र अमर शहीद रामाधार सिंह यादव, ग्राम नगला टांक, तहसील करहल का निवासी,आपके संज्ञान में एक अत्यंत संवेदनशील, गंभीर एवं भावनात्मक विषय हैं जो न केवल मेरे परिवार,बल्कि पूरे ग्रामवासियों की भावना, और सबसे बढ़कर एक अमर शहीद की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है। शहीद परिवार ने
मेरे पूज्य पिताजी अमर शहीद रामाधार सिंह यादव ने भारत माता की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर किए थे। उनके सम्मान में शासन द्वारा ग्राम नगला टांक करहल-सिरसागंज मुख्य मार्ग) पर एक भव्य शहीद स्मृति द्वार का निर्माण स्वीकृत किया गया था। यह स्मृति द्वार केवल ईंट-पत्थर की रचना नहीं है, बल्कि उसमें एक परिवार की वेदना, त्याग और देशभक्ति की आत्मा समाहित है।

परंतु अत्यंत दुखद और निंदनीय है कि इस पवित्र स्मारक को बनाने की जिम्मेदारी जिन हाथों में सौंपी गई थी ठेकेदार शेर सिंह भदौरिया ? उन्होंने इस पूरी परियोजना को भ्रष्टाचार, अनदेखी और अवमानना का प्रतीक बना डाला।
सबसे बड़ी आपत्तिजनक बात यह है कि ठेकेदार द्वारा रिश्वत लेकर स्मृति द्वार पर किसी अन्य शहीद का नाम भी अंकित करवा दिया गया है, जोकि हमारे पूज्य पिताजी की शहादत और उनके गौरवशाली इतिहास के साथ सीधा अनादर और ऐतिहासिक छेड़छाड़ है।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता इतनी घटिया है कि देखने मात्र से ही स्पष्ट हो जाता है कि इसमें स्थानीय स्तर की बेहद घटिया स्तर की ईंट लाई गई थी जिसे हमारे विरोध के बाद बदला गया लेकिन उसके बाद भी मानक ईंट का प्रयोग न करके सामान्य ईंट का प्रयोग किया गया और 15/1 का घटिया सीमेंट लगाया गया
सरिया बिना प्लास्टर के बाहर झांक रही है, जो न केवल स्मारक की सुंदरता को नष्ट कर रही है, बल्कि कुछ ही वर्षों में इसे ढह जाने की ओर धकेल रही है।
इस संबंध में हमने कई बार स्थानीय अधिकारियों और PWD विभाग को शिकायतें दीं,कार्य को रुकवाया भी गया,, किंतु ठेकेदार ने मिलीभगत के माध्यम से कार्य दोबारा शुरू कर दिया और हमें धमकाया गया स्मृति द्वार का निर्माण कार्य मानक से नहीं करवाया
यह पूरा प्रकरण केवल निर्माण की खामी नहीं है, बल्कि यह हमारे शहीद की अवमानना, परिवार की भावनाओं का अपमान, और देशभक्ति की भावना के साथ किया गया धोखा है। क्या इस राष्ट्र में बलिदान देने वालों को यही पुरस्कार मिलेगा? क्या एक शहीद के नाम पर बना स्मारक भी सुरक्षित नहीं?
इस समस्त प्रकरण की निष्पक्ष मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाए।
ठेकेदार शेर सिंह भदौरिया को काली सूची (Blacklist) में डाला जाए एवं उसके विरुद्ध आपराधिक धाराओं में FIR दर्ज की जाए।