HAPPY HOLI::होली के रंग

होली के रंग

आज रंग की मेले में आओ आओ क्यों हो अकेले,
सब संग रंग खेले नफरत की दीवार न फ़ले,
सूरत तो सबकी भले भले स्नेह जिंदगी की रंग ढ़ले,
एक सच पे तो पता नहीं सूरत की कैसे रंग बदलते,
आओ यार आओ आज रंग अबीर गुलाल खेलते,
एक एक के द्वार पर जाकर स्नेह से मिलते,
चमन से महक मांगकर सभी के द्वार चलते,
आज रंग की मेले में आओ यार क्यों हो अकेले,
रिश्ते नाते मित्र के द्वार चले, प्रेम ह्रदय स्नेह से मिले गले,
लाल गुलाबी जामुनी, पीली नीली सबसे खेले,
आज रंग की मेले, में ह्रदय की द्वार खुले है,
क्या शिक़वा क्या गीले,संग हर अंग से रंग मिले,
नीले की अच्छी नियत अरमान रखता पिले,
आज रंग की मेले में,आओ यार क्यों हो अकेले,
रंग बरसता सावन की तरह प्रेम ह्रदय पर झूले,
रंग की बाजार पर स्नेह, प्रेम प्यार व प्रित फले,
आज रंग की मेले, में ह्रदय की द्वार खुले है,

प्रांजल शुक्ला
कोरबा छत्तीसगढ़