मुख्यमंत्री के मंच पर जाने को अड़ीं दो महिलाएं, काटा पुलिसकर्मियों का हाथ, अस्पताल पहुंचये ही आया भूत का साया

बरेली देवरनिया थाना क्षेत्र की रहने वाली दो महिलाओं ने बरेली कॉलेज में सभा के दौरान मुख्यमंत्री के मंच पर जाने की कोशिश की। वह सुरक्षा अमले से चेकिंग कराने को भी तैयार नहीं हुईं। पुलिस ने रोका तो उन्होंने हाथापाई कर दी। महिला पुलिसकर्मियों ने खींचने की कोशिश की तो इन्होंने उनके हाथ पर काट लिया। रिपोर्ट लिखकर उनका चालान कर दिया गया।जनसभा के दौरान दो महिलाएं सुरक्षा गेटों व तलाशी को दरकिनार कर मंच की ओर जाने लगीं। इन्हें रोका तो ये पुलिसकर्मियों से झगड़ा करने लगीं। इन्होंने न तो कोई काम बताया और न ही इनके पास कोई प्रार्थना पत्र था। इंस्पेक्टर बारादरी धनंजय पांडेय ने इनसे समस्या पूछी तो कहने लगीं कि केवल मुख्यमंत्री को ही समस्या बताएंगी, बाकी लोगों से वह बात नहीं करतीं। महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से ले जाने की कोशिश की तो दोनों ने दो सिपाहियों के हाथ में काट लिया। तब बमुश्किल उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। शाम को श्यामगंज चौकी प्रभारी अखिलेश कुमार की ओर से दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बारादरी थाना पुलिस ने चालान करके इन्हें कोर्ट में पेश किया। पुलिस की पूछताछ में जानकारी हुई कि वह दोनों देवरनिया थाने के वसुपुरा गांव निवासी नीलम (30) और उसकी सहेली स्नेहा (36) हैं। बारादरी पुलिस ने देवरनिया थाना प्रभारी से संपर्क साधा तो पता लगा कि नीलम का उसके शामली निवासी पति व ससुरालवालों से दहेज उत्पीड़न का मुकदमा चल रहा है। उसने पति पर एससी एक्ट की एक रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज करा रखी है। पिछले दिनों वह शामली पहुंच गई थी। वहां भी दोनों पक्षों में मारपीट की रिपोर्ट दर्ज है। महिला चाहती है कि उसके पति व ससुरालवालों को हमेशा के लिए जेल भेज दिया जाए। पुलिस उसे कानूनी बाध्यता बताती है तो वह और चिढ़ जाती है। दोनों का जब जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया तो वहां काफी हंगामा हो गया। दोनों महिलाएं डॉक्टर, स्टाफ को भला बुरा बोलने लगीं। महिलाओं को नियंत्रण करने के लिए ज्यादा संख्या में महिला पुलिस बुलाई गई। इसके बाद स्नेहा अपने बाल बिखेरकर इमरजेंसी में हंगामा करने लगी। उनका कहना था कि उस पर कोई आत्मा का साया है। आसपास बेड पर मौजूद मरीज इससे थरथरा गए।