मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत जिला अस्पताल में कॉक्लियर इंप्लांट की पहली सफल सर्जरी

श्रीगंगानगर से राकेश मितवा�

नौनिहाल का मिला 'मां' का आशीर्वाद, निशुल्क हुआ लाखों रुपए का ऑपरेशन

श्रीगंगानगर। राज्य सरकार की जनहितैषी मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत �जिला अस्पताल में एक बड़ा और सफल ऑपरेशन हुआ। जयपुर एसएमएस से आए वरिष्ठ चिकित्सक की निगरानी में एक तीन वर्षीय बच्चे कॉक्लियर इम्प्लांट किया गया। यह ऑपरेशन किसी निजी अस्पताल में करवाने पर करीब 15 लाख रुपए तक का खर्चा आता, जबकि योजना के तहत मरीज के परिजनों का कोई खर्चा नहीं लगा।�
जिला अस्पताल में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पीएमओ डॉ. दीपक मोंगा ने बताया कि मां योजना के तहत हुए इस सफल ऑपरेशन के लिए जिला प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और राज्यस्तरीय अधिकारियों का विशेष सहयोग रहा। करीब तीन माह के अथक प्रयासों और बेहतर समन्वय के चलते श्रीगंगानगर जिला अस्पताल में यह ऑपरेशन हो सका, जो जिले के लिहाज से बड़ी उपलब्धि है और अब दूसरे बच्चों को भी इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि पुरानी आबादी निवासी एक परिवार का तीन वर्षीय बच्चा जन्म से ही सुनने और बोलने में असमर्थ था। परिजनों ने जागरूकता दिखाते हुए बच्चे को जिला अस्पताल के ईएनटी अनुभाग में दिखाया, जिसे चिकित्सकों ने गंभीरता से लेते हुए परिजनों को ऑपरेशन करवाने के लिए प्रेरित किया। गुरुवार को सफल ऑपरेशन किया गया। अब जल्द ही अन्य औपचारिकताओं के बाद बच्चे की छुट्टी दे दी जाएगी और राज्य सरकार आगामी दो साल तक बच्चे को स्पीच थैरेपी भी निशुल्क मुहैया करवाएगी ताकि बच्चा अच्छे से सुन और बोल सके। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अब वह दुनिया की आवाज़ों को सुन सकेगा और एक सामान्य जीवन जी सकेगा।�
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*जरूरी है जागरूकता*
एसएमएस जयपुर के प्रोफेसर डॉ. मोहनीश ग्रोवर ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है । उन्होंने बताया कि रा हो रहा है। �परिजनों को चाहिए कि जन्म के समय पर ही बच्चों के कान की जांच अवश्य करवाएं।�

ये रहे टीम में शामिल

सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने बताया कि टीम में एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के प्रोफेसर डॉ. मोहनीश ग्रोवर, श्रीगंगानगर जिला अस्पताल ईएनटी अनुभाग की डॉ. रश्मि अग्रवाल, मेडिकल कॉलेज की रेजिडेंट डाॅ. पूजा भिमाणी, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ.राजेंद्र गर्ग, डॉ.अनिशा गुप्ता, नर्सिंग ऑफिसर मनीष शर्मा, संतोष वर्मा एवं हेल्पर भूपेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा