पीलीभीत जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता के निर्देश पर बाल विवाह प्रकरण में 33 आरोपियों पर दर्ज हुआ मुक़दमा।

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।

पीलीभीत जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता के निर्देश पर बाल विवाह प्रकरण में 33 आरोपियों पर दर्ज हुआ मुक़दमा।

14 वर्षीय नाबालिक का कराया गया था बाल विवाह

जनपद पीलीभीत में बाल विवाह कराने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता के निर्देश पर 33 लोगों पर थाना न्यूरिया में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। आपको बता दें दिनांक 13.03.2025 को थाना न्यूरिया में बाल विवाह प्रकरण में जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश पर बाल विवाह प्रकरण में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जानकारी के मुताबिक आइजीआरएस के माध्यम से जिला अधिकारी को जनपद बरेली निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी,कि थाना न्यूरिया क्षेत्र के निवासी एक व्यक्ति ने अपने पुत्र का बाल विवाह एक नाबालिक लड़की के साथ कर दिया था।सूचना प्राप्ति उपरांत जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता ने प्रकरण में जांच हेतु संरक्षण अधिकारी एवं चाइल्ड हेल्पलाइन परियोजना समन्वयक को निर्देशित किया था।तीन मार्च को चाइल्ड हेल्पलाइन परियोजना संबंधित निर्वान सिंह एवं संरक्षण अधिकारी मीनाक्षी पाठक,थाना मानव तस्करी रोधी इकाई की उपनिरीक्षक रामाकांति एवं थाना न्यूरिया की उपनिरीक्षक पारुल ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो बालिका के परिजनों ने बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह माह नवंबर 2024 में कर दिया था।जांच के दौरान पाया गया,कि बालिका शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर लगभग 14 वर्ष की हो रही है,बालिका के नाबालिक होने की दशा में नियमानुसार बालिका को अग्रिम कार्रवाई हेतु,बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।बाल कल्याण समिति के निर्देश पर बालिका वर्तमान में अपने माता-पिता के साथ रह रही है तथा 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात ही अपनी ससुराल जाएगी।उपरोक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए,जिला प्रोबेशन अधिकारी ने उक्त प्रकरण में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का उल्लंघन पाया तथा थानाध्यक्ष न्यूरिया को बाल विवाह प्रकरण में समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने के निर्देश दिए।थाना न्यूरिया पुलिस द्वारा जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश पर बाल विवाह में सम्मिलित 33 लोगों पर बाल विवाह अधिनियम की धारा 9 एवं 10 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है, पंजीकृत मुकदमे में बाल विवाह को संपन्न कराने वाले दोनों पक्षों के ब्राह्मणों के नामों को सम्मिलित किया गया,गौरवतल हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह में सम्मिलित होने वाले सभी व्यक्ति चाहे वह हलवाई हो,टेंट वाला हो,विवाह संपन्न करने करने वाले,पंडित अथवा काज़ी,बैंड वाले हो, फोटोग्राफर या दावत के आने वाले बराती एवं घराती सभी को दोषी माना गया है और सभी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने का भी प्रावधान है।एफआईआर पंजीकृत होते ही जनपद में हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ हैं।