अखिल भारतीय अब्बासी वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ने बांटा राशन

बरेली रमजान के पवित्र महीने में जब मुस्लिम समुदाय आत्मसंयम इबादत और परोपकार पर विशेष ध्यान देता है, समाजसेवी शरीक अब्बासी और उनकी टीम ने एक अनुकरणीय पहल की है। उन्होंने रात के अंधेरे में,
बिना किसी प्रचार-प्रसार या फोटो खिंचवाए, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के घर-घर जाकर राशन किट वितरित कीं। यह कार्य निस्वार्थ सेवा और सच्ची मानवता का उदाहरण प्रस्तुत करता है रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है यह आत्मसंयम, इबादत और परोपकार का समय होता है जिसमें रोजा रखना नमाज पढ़ना और जकात देना शामिल है जकात, अर्थात् अपनी संपत्ति का एक हिस्सा जरूरतमंदों को देना, इस महीने में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। शरीक अब्बासी और उनकी टीम ने इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए, समाज के उन वर्गों तक सहायता पहुंचाई जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। रात के समय राशन किट बांटने का उनका निर्णय इस बात को दर्शाता है कि वे सच्चे अर्थों में सेवा करना चाहते हैं, बिना किसी प्रशंसा या पहचान की अपेक्षा के। उनकी इस पहल ने समुदाय में एक सकारात्मक संदेश फैलाया है। यह दिखाता है कि सच्ची सेवा वही है जो बिना किसी दिखावे के निस्वार्थ भाव से की जाए। शरीक अब्बासी और उनकी टीम का यह कार्य अन्य लोगों को भी प्रेरित करता है कि वे भी समाज के जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आएं और रमजान के असली मकसद को समझें। इस प्रकार की पहले समाज में एकजुटता और भाईचारे को बढ़ावा देती हैं, जो रमजान के महीने का मूल संदेश है शरीक अब्बासी और उनकी टीम की यह निस्वार्थ सेवा निश्चित रूप से सराहनीय है और हमें सिखाती है कि सच्ची मानवता क्या होती है।