खदान में ब्लास्ट स्कूल में दरार,दहशत में स्कूली छात्र छात्राएं एवं ग्रामीण

खदान में ब्लास्ट स्कूल में दरार,दहशत में स्कूली छात्र छात्राएं

जैजैपुर। सक्ती जिले के जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत अकलसरा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र छात्राएं इन दिनों दहशत के साये में पढ़ाई करने के लिए मजबूर है। आपको बता दे, स्कूल भवन के एक किलोमीटर के दूरी पर ही डोलोमाइट खदान है,जहां से डोलोमाइट खनन के लिए खदान संचालक अरविंद सोनी द्वारा शासन द्वारा तय मानक के विपरीत अत्यधिक मात्रा में बारूद का उपयोग कर ब्लास्ट किया जाता है। ब्लास्ट का कंपन इतना अधिक होता है की मानो चलते स्कूल मे भूकंप आ गया। इतना ही ब्लास्टिंग के बाद पत्थर के छोटे छोटे कंड़ स्कूल के बाहर खेल रहे बच्चों को भी लगता है, जिसके चलते कई बार स्कूली छात्र छात्राएं चोटिल भी हो गए है। इसके साथ ही ब्लास्ट के चलते स्कूल भवन में जगह जगह दरार पड़ गया है। ऐसा भी नही नही है इस पूरे ब्लास्टिंग और उससे होने नुकसान के बारे में स्कूल के प्राचार्य और गांव के लोगों ने नही किया हो बार बार शिकायत के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नही होने के चलते स्कूली बच्चे डर और दहशत के साए में पढ़ने के लिए मजबूर है।

अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण

बता दे अकलसरा में भरपूर मात्रा में प्राकृतिक संपदा डोलोमाइट का भंडार है, जिसके उत्खनन के लिए कई कंपनियां खनन का काम कर रही है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता और खनिज विभाग के लचर कार्यशैली के चलते यहां डोलोमाइट उत्खनन करने वालों की हौसला बुलंद हो गया है। इन्हें ना तो प्रशासनिक अधिकारियों का भय है और ना ही खनिज विभाग के कार्रवाई का। यही वजह है इन खनिज माफियाओं द्वारा शासन की निर्देशों का खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी पूर्वक खनन करते हुए जमकर रॉयल्टी की चोरी कर रहे है, और लगातार शिकायत के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नही होने के चलते इनका हौसला बुलंद है जिसका खामियाजा उस आसपास के गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

नियमों को दरकिनार कर की जा रही खनन

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत अकलसरा में डोलोमाइट उत्खनन करने के लिए अरविंद सोनी को 10 एकड़ भूमि का लीज प्राप्त है। लेकिन उनके द्वारा नियम कानून को दरकिनार कर कर डोलोमाइट का खनन और परिवहन करने के चलते अकलसरा और खम्हरिया कच्ची सड़क पूर्ण रूप से जर्जर हो गया है, आम लोगों का उस मार्ग से चलना मुश्किल हो गया है। इतना ही नही खदान संचालक के द्वारा गांव के वैजंती नाला को पाट कर उसमें धर्मकांटा लगा दिया है।