भक्तों की आस्था का प्रतीक है अचलेश्वर महादेव मन्दिर

भक्तों की अटूट आस्था का प्रतीक हैं अचलेश्वर महादेव मन्दिर
क्रॉसर.....
आज भी अचल है बाबा अचलेश्वर महादेव की मूर्ति

बाबा के दर्शन को स्थानीय लोगों के साथ दूर दराज से आते है श्रद्धालु
हरचंदपुर, रायबरेली।
अचलेश्वर महादेव का मंदिर भक्तों की अटूट आस्था और भक्ति का प्रतीक है बाबा के दर्शन कर भक्त अपनी मुंह मांगी मुरादे पाते है। यही कारण है कि बाबा के दरबार में दर्शन करने के लिए भक्तों का जन सैलाब उमड़ता है ।
क्षेत्र के अचलेश्वर रहवा स्थित अचलेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर अपनी भव्यता के लिए दूर दूर तक प्रसिद्ध है ।
अचलेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना रहवा स्टेट के राजा द्वारा कराई गई,स्थानीय लोगों की माने तो जब मंदिर का निर्माण चल रहा था तब महादेव की जमीन से निकली मूर्ति की खुदाई कर अन्य स्थान पर स्थापित करने का प्रयास किया,काफी कोशिश के बाद भी मूर्ति को उस स्थान से हटाया नहीं जा सका ।बाबा महादेव की अचल रही मूर्ति को वही पर स्थापित कर दिया गया तभी से यह स्थान अचलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
वैसे तो साल भर मंदिर में भक्तों का दर्शन के लिए आना लगा रहता है मगर महा शिवरात्रि में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है बाबा के दर्शन के लिए स्थानीय लोगों के अलावा दूर दराज से श्रद्धालु मंदिर में विशेष पूजन कर बाबा से मनौती मांगते हैं।
कहते है के सच्चे मन से मांगी गई मुराद बाबा जरूर पूरी करते है।
मंदिर में बाबा के दर्शन के बाद लोग यहां पर लगे विराट मेले में खरीदारी करते है, लोगो के आने और घरेलू समानों की खरीदारी का सिलसिला महीने भर तक चलता है लोग जमकर मेले का लुफ्त उठाते है।भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाते है ।