कहीं अलीगढ़ के कट्टीघरों में ईजाद तो नहीं किया जा रहे आतंकवादी


गाजियाबाद में पकड़े गए फर्जी सिक्योरिटी एजेंसी संचालकों के जुड़े अलीगढ़ से तार, अलीगढ़ की मीट फैक्ट्रीयों को उपलब्ध करा रहे सिक्योरिटी गार्ड

अलीगढ़। अलीगढ़ में संचालित होने वाले कट्टीघरों के लगातार मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें कभी अमोनिया गैस का रिसाव होना तो कभी अवैध रूप से पशुओं का कटान होना पाया जाता है। अभी पिछले महीने जनवरी में ही एक बड़ा मामला गाजियाबाद में सामने आया जहां मीट फैक्ट्री को सिक्योरिटी गार्ड उपलब्ध कराने वाली फर्जी सिक्योरिटी एजेंसी का खुलासा गाजियाबाद की थाना मसूरी पुलिस के द्वारा किया गया, जिसमें चार अभियुक्तों को फर्जी तरीके से सिक्योरिटी गार्ड्स की नियुक्ति एवं उनके दस्तावेज तैयार करने के जुर्म में हिरासत में लिया गया। इनमें सबसे प्रमुख बात यह रही कि सभी मीट फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड जम्मू कश्मीर की सिक्योरिटी एजेंसी से ही लिए जाते हैं। जिनका सीधा-सीधा उद्देश्य रहता है कि कोई भी अवैध गतिविधि कहीं बाहर आदान-प्रदान न हो सके। इसलिए किसी भी लोकल एजेंसी के माध्यम से सिक्योरिटी गार्ड की भर्ती नहीं की जाती है। दूसरी बात गाजियाबाद में फर्जी तरीके से सिक्योरिटी एजेंसी संचालित करने वालों में शराफत अली और मुमताज हुसैन नाम के दो सिक्योरिटी एजेंसी ओनर के नाम भी सामने आए, जिनके द्वारा गलत तरीके से दस्तावेज तैयार कर सिक्योरिटी गार्ड्स को सिक्योरिटी की नौकरी दिलाई जा रही थी। विराट वैभव समाचार पत्र की पड़ताल में एक और बात उजागर हुई, जो कि हैरान कर देने वाली रही। अलीगढ़ की अल दुआ, अल हसन और एलाना मीट फैक्ट्रीयों के सिक्योरिटी ओनर भी वही निकले जो गाजियाबाद में पुलिस की धरपकड़ में फर्जी दस्तावेज और फर्जी सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वालों में शुमार थे, जिनके नाम मुमताज हुसैन और शराफत अली थे, और जो राजपूत प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड और एशिया मैनेजमेंट सर्विस के नाम से जम्मू कश्मीर में सिक्योरिटी एजेंसी होना दर्शा रहे थे। अलीगढ़ में जिसके मैनेजर अलीम है। अब इस पर क्या कार्रवाई जिला प्रशासन के द्वारा की जाती है यह देखने वाली मुख्य बात होगी। क्योंकि जिस तरह से फर्जी दस्तावेज बनाकर सिर्फ और सिर्फ कश्मीरी और अन्य प्रदेशों के व्यक्तियों को गैर कानूनी तरीके से सिक्योरिटी एजेंसी में शामिल किया जा रहा है वह भी सिक्योरिटी गार्ड के रूप में , तो कैसे मान लिया जाए कि देश की सुरक्षा में सेंध नहीं लगाई जा रही होगी। मीट फैक्ट्री से इस तरह के तार जुड़े होने पर किसी तरह की आतंकवादी गतिविधियां संचालित होने से भी परहेज नहीं किया जा सकता है।