दूर दराज से संगम स्नान के लिए जाने वालों की सेवा कर मिला सुकून देव कुमार

ऊंचाहार,रायबरेली।प्रयागराज और आसपास के लोग सहयोग के लिए रात रात भर जाग कर तीर्थयात्रियों की सेवा कर रहे हैं,भोजन चाय और कमरों की व्यवस्था में लगे हैं,जो खो गए हैं उन्हें ढूंढने के लिए सारे संसाधन लगा रहे हैं।ऊंचाहार निवासी देव कुमार ने बताया बुधवार मौनी अमावस्या पर जितने भी यात्रियों से बात हुई,सभी लोग यात्रागत चिंताओं के अतिरिक्त क्षेत्रीय लोगों द्वारा दिए जाने वाले सहयोग से भय मुक्त थे।दूर दराज से आए लोगों ने सहयोग के लिए धन्यवाद भी कहा।बिना जात पात के,बिना गोत्र आदि के पूछे लोगों सहायता की गई।सेवा इस आधार पर की जा रही थी कि वे लोग संगम स्नान के लिए पतित पावनी गंगा में नहाने संगम जा रहे थे।सबके हृदय में गंग धार फूट पड़ी है।सभी सेवा के माध्यम से संगमित हो रहे हैं।एक का दुःख दूसरे का दुःख था।संतान के जैसे चिंता और सेवा में जाग रहे थे।सेवा और सहयोग से मन निष्कलुष होता है,समाज जुड़ता है,बड़ी से बड़ी विपत्ति दूर हो जाती है।दुर्घटना हुई अवश्य है,लेकिन हृदय और अधिक संकल्पवान हुआ है।देव कुमार ने बताया कि गंगा नहाने के बाद दुर्घटना में मेरे चचेरे भाई के हाथ,पीठ टूट गए।वह मुंबई से नहाने के लिए आए थे।लेकिन जब उनसे पूछा कि अब फिर कभी प्रयाग जाओगे तो बोले,हम फिर जाएगा,बार बार जाएगा,चोट लग गई तो लग गई।इससे गंगा मैया संगम स्नान के प्रति प्रेम तो कम नहीं होगा।आखिर में तो उन्हीं के पास जाना है।जो कुछ लोग बैठे बैठे अनाप शनाप बोल कर वाहवाही बटोरना चाहते हैं।उनको भारत के मन की थाह नहीं जानते हैं।वह सनातन के बारे में नहीं जानते हैं।हम अमृतपुत्र हैं।हम जानते हैं कि गंगा मैया जी की तरह जीवन यात्रा में हैं,सागर से मिलने के बाद फिर से बादल बनेंगे,फिर से जल बन कर धरती पर आएंगे।एक भरोसे राम के निर्भय हो के सोय।