भारतीय रेल में कालाबाजारी से निपटने में आरपीएफ की भूमिका

भारतीय रेल में कालाबाजारी से निपटने में आरपीएफ की भूमिका

भारतीय रेल की टिकट प्रणाली एक बड़ी चुनौती है, विशेष कर यात्रा के व्यस्त अवधि के दौरान टिकट दलाली और कालाबाजारी की घटनाएं होती रहती हैं। ये अवैध गतिविधियां न केवल वास्तविक यात्रियों के लिए टिकटों तक निष्पक्ष पहुंच को बाधित करती हैं, बल्कि रेलवे प्रणाली में जनता के विश्वास को भी कमजोर करती हैं। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) इस समस्या का समाधान करने और रेलवे सेवाओं तक निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हमेशा सक्रिय और तत्पर रहता है।

रेलवे सुरक्षा बल का साइबर सेल नियमित रूप से छापेमारी करती हैं और अनियमितताओं की पहचान करने के लिए बुकिंग पैटर्न की जांच करते हैं और टिकट काउंटरों एवं साइबर कैफ़े को लक्षित करके सटीक कार्रवाई करते हैं। आरपीएफ ने अपने साइबर सेल को अत्याधुनिक सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर से लैस किया है, ताकि टिकटिंग गिरोहों को प्रभावी ढंग से ट्रैक और नष्ट किया जा सके। आरपीएफ उन्नत तकनीकी उपकरणों का उपयोग करके ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म की निरंतर डिजिटल निगरानी करती है। यह तकनीकी उन्नत बल को तेजी से परिष्कृत हो रहे दलाली नेटवर्क का मुकाबला करने में सक्षम बनाती है। बल्क बुकिंग और अनियमित लेनदेन सहित संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी और टिकट काउंटरों पर सीसीटीवी लगाकर आरपीएफ कालाबाजारी का पता लगाने और उस पर प्रभावी ढ़ंग से रोक लगाती है।आरपीएफ संदिग्ध खातों की पहचान करने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के साथ मिलकर कार्य करती है। इस सहयोगात्मक पहल का उद्देश्य एजेंट और व्यक्तिगत उपयोगकर्ता आईडी दोनों के दुरुपयोग को रोकना है, जिससे अधिक सुरक्षित और पारदर्शी टिकटिंग प्रणाली सुनिश्चित हो सके। जन जागरूकता के महत्व को समझते हुए, आरपीएफ विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर शैक्षणिक अभियान चलाता है। ये पहल यात्रियों को अनधिकृत गतिविधियों की सूचना देने के बारे में जानकारी देती है और आधिकारिक एवं अधिकृत चैनलों के माध्यम से टिकट बुक करने के महत्व पर जोर देती हैं। आरपीएफ द्वारा की गई इन रणनीतिक पहलों ने महत्वपूर्ण परिणाम दिए हैं। कई हाई-प्रोफाइल दलाली गिरोहों को ध्वस्त किया गया है और हजारों अपराधियों को पकड़ा गया है। इन प्रयासों से बड़ी मात्रा में अवैध टिकटों की बरामदगी हुई है, जिससे बड़े पैमाने पर कालाबाजारी पर लगाम लगी है।

भविष्य में आरपीएफ उन्नत एआई और मशीन लर्निंग जैसी अधिक उन्नत प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की योजना बनाई है, जो दलाली गतिविधियों का संकेत देने वाली विसंगतियों की पहचान करने के लिए बुकिंग व्यवहार की जांच करेगी। वास्तविक समय में संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए रियल टाइम फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा। एक ही आईपी पते से या वीपीएन का उपयोग करके होने वाली कई बुकिंग की पहचान करने और उसे ब्लॉक करने के लिए डायनेमिक आईपी मॉनिटरिंग सिस्टम भी लागू किया जाएगा। यात्रियों का सत्यापन सुनिश्चित करने और लेनदेन की प्रामाणिकता बढ़ाने के लिए चेहरे की पहचान, फिंगरप्रिंट स्कैनिंग भी लागू की जाएगी।टिकट दलाली से निपटने के लिए रेलवे सुरक्षा बल का मजबूत और व्यापक दृष्टिकोण रेलवे टिकट संचालन में निष्पक्षता और पारदर्शिता के प्रति इसके अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर, संबंधित एजेंसियों के साथ सहयोग को बढ़ावा देकर और जनता को शामिल करके, आरपीएफ कालाबाजारी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जैसे-जैसे ये रणनीतियाँ विकसित होती हैं, वे सभी यात्रियों के लिए एक सहज और निष्पक्ष यात्रा अनुभव सुनिश्चित करते हुए एक अधिक सुरक्षित और न्यायसंगत रेलवे प्रणाली का वादा करती हैं।वर्ष 2024 में, पूरे भारत में कुल 4725 अवैध दलाली के मामले दर्ज किए गए, जिनमें 4975 अवैध दलालों को गिरफ्तार किया गया और 53.38 करोड़ रुपये मूल्य के 1,24,529 टिकट जब्त किए गए और 26,442 आईआरसीटीसी आईडी ब्लॉक की गईं और बल्क एवं तत्काल बुकिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अवैध सॉफ़्टवेयर को भी ब्लॉक किया गया।

कपिंजल किशोर शर्मा मुख्य जनसंपर्क अधिकारी