नगला केसरी का लाल सीमा पर शहीद, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

अवागढ़/एटा। नगला केसरी निवासी बीएसएफ जवान रमेश चंद्र पुत्र रक्षपाल सिंह की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहादत को पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। 14 जनवरी को शहीद हुए रमेश चंद्र का अंतिम संस्कार 16 जनवरी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
शहीद के परिजनों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से शहीद को उचित सम्मान नहीं दिया गया। विशेषकर एसडीएम भावना विमल ने शहीद को श्रद्धांजलि देने से इनकार कर दिया और मौके से गायब हो गईं। परिजनों और ग्रामीणों ने शहीद स्मारक को सड़क किनारे बनाने की मांग की, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया। इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
शहीद के दो बेटे और दो बेटियां हैं। हाल ही में उनके बेटे की शादी हुई थी और बेटी की शादी होने वाली थी। शहीद की पत्नी मीरा देवी ने बताया कि रमेश चन्द्र की पोस्टिंग हाल ही में मणिपुर से श्रीनगर में हुई थी।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल:
एसडीएम के इस व्यवहार पर लोगों ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। लोगों का कहना है कि ऐसे गैरजिम्मेदार अधिकारियों से क्या उम्मीद की जा सकती है। वहीं, प्रशासन शहीद की मौत को हार्ट अटैक बता रहा है, जबकि परिजन आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहादत होने का दावा कर रहे हैं।

रिपोर्ट-रमेश चन्द्र जादौन