बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचारों एवं उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ने से रोकने में बांग्लादेश सरकार की विफलता के संबंध में पीलीभीत जनपद में किया गया ध

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।


बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचारों एवं उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ने से रोकने में बांग्लादेश सरकार की विफलता के संबंध में पीलीभीत जनपद में किया गया धरना प्रदर्शन,दिया गया ज्ञापन।

भारत का हर हिंदू एवं विश्व का हर व्यक्ति इस समय बांग्लादेशी घटनाक्रम से परिचित है और उसके मन में पीड़ा है कि एक कट्टरता का कैसा रूप है जो मानवता को संसार कर रहा है शांति प्रिया और वसुदेव कुटुंबकम की भावना रखने वाले हिंदुओं को प्रताड़ित कर रहा है अन्य अल्पसंख्यकों पर भी अत्याचार कर रहा है उनकी महिलाओं बच्चों पर अत्याचार किए जा रहे हैं उनको पूजा करने से रोका जा रहा है मूर्तियां धर्म स्थलों को तोड़ा जा रहा है संपत्तियों को लूटा जा रहा है जिससे वहां का बड़ा अल्पसंख्यक समाज देश छोड़ने को मजबूर हो रहा है।बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं बंद मकान को आग लगाई जा रही है वहां के साधु संत बौद्ध भिक्षु मंदिरों धार्मिक गुरुओं के साथ अनैतिक कार्य किया जा रहा है जो संपूर्ण विश्व को स्वतंत्रता की ओर ले जाने का कार्य होगा।जिस प्रकार बौद्ध चकमा और हिन्दू त्रिपुरी समुदायों पर दिगनाला और खगराचारी सदर में मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था।आरोपियों ने अल्पसंख्यक समूह की 200 से दुकानो और घरों को आग लगा दी थी, मुस्लिम भीड़ ने बौद्ध मंदिरों पर हमला किया और आगजनी की जिसमें बड़ी मात्रा में नरसंहार हुआ है वर्तमान की बांग्लादेश सरकार एवं अन्य एजेंसी इसे रोकने की जगह केवल मूक दर्शक बना हुआ है।
विवशतास बांग्लादेश के हिन्दूओं का स्वा रक्षण हेतु लोकतांत्रिक पद्धति से उठाई गई आवाज को दबाने हेतु उन्हीं पर अन्याय व अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है,ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन संस्था के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजना अन्यायपूर्ण है तथा उनके अन्य सहयोगी जो प्रसादम् पहुचांने गये थे। आदिनाथ श्याम दास प्रभु को भी कारावास में डाल दिया है।इस महत्वपूर्ण समय में भारत तथा वैश्विक समुदाय एवं संस्थाएं बांग्लादेश के पीड़ितों के साथ खड़े होकर अपना समर्थन प्रकट नहीं करते हैं।इस कार्यक्रम में भी लगभग 25 से ज्यादा संगठन उपस्थित हैं और सभी एक आवाज में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर पुरजोर विरोध करते हैं और आपसे अपेक्षा की जाती है कि यथासंभव कदम उठाते हुए हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
इसके लिए यदि सैन्य बल का सहारा लेना आवश्यक हो तो वह लेना ही चाहिए।
संचालन विभाग कार्यवाह भद्रपाल गंगवार ने किया
ज्ञापन के माध्यम से सूचित करते हैं कि यदि अति शीघ्र ऐसी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई और बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार बंद नहीं हुआ तो हिंदू जनमानस एकत्र होकर स्वयं ही रणनीति बनाकर हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा।
ज्ञापन देने वालों में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे जिसमें ओमप्रकाश गंगवार, भद्रपाल गंगवार,डालचंद वर्मा,हरजीत सिंह राजकुमार ,हरिओम गंगवार, लेखराज भारती, अनु चौधरी, स्वतंत्र देवल ,जगदीश सक्सेना, केशव वैश्य,सोनी पटेल, गीता मिश्रा, वीरेंद्र प्रताप ,उमा मिश्रा ,रेखा सिंह,परमजीत कौर,सभ्यता देवी,पुष्पा शुक्ला, प्रवीण कुमार सहित हजारों की संख्या में हिन्दू समाज उपस्थित रहा।मंचासीन अतिथि में प्रांत संघचालक शंशाक भाटिया,विभाग संघचालक ओमप्रकाश गंगवार,दिलीप विश्वास, ज्ञानी शेर सिंह,संत महात्मा, कई मठ मन्दिरों के प्रमुख संत भी इस धरना में उपस्थित रहे।मुख्य रूप से बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद,जिला अध्यक्ष भाजपा संजीव प्रताप सिंह,नगर पालिका अध्यक्ष आस्था अग्रवाल,जिला गन्ना समिति चैयरमेन दिग्विजय सिंह,ब्लॉक प्रमुख अजय सिंह गंगवार,सभ्यता वर्मा, अपूर्व सिंह व अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे हैं।संगठनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,भारतीय जनता पार्टी विश्व हिन्दू परिषद्,बजरंग दल,हिन्दू जागरण मंच,भारत विकास परिषद अधिवक्ता परिषद व
अन्य सामाजिक संस्था जो राष्ट्रहित का कार्य कर रही है।