प्रदूषण बढ़ा: 228 पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक

प्रदूषण बढ़ा: 228 पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक

अम्बेडकरनगर
जिले की हवा जहरीली हो गई है। दूषित हवा गंभीर स्थिति में पहुंच गई है। सांस, एलर्जिक, अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद घातक हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 228 पीएम पर पहुंच गया है। जो स्वस्थ व्यक्तियों को भी बीमार कर रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का कम न होना स्वस्थ लोगों को जहां अस्वस्थ करता है वहीं पहले से ही सांस, अस्थमा, एलर्जिक के रोगियों का जीवन संकट में डाल देता है। मौके पर एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है। बढ़ता एयर क्वालिटी इंडेक्स शनिवार को 228 पर्टीकुलेट मैटर (पीएम) पर पहुंच गया। लगातार तीसरे दिन एक्यूआई में वृद्धि हुई। विशेषज्ञों के अनुसार अभी जल्द सुधार की संभावना भी नहीं है। कारण धान की फसल का अवशेष पराली (पुआल) को जलाने पर प्रशासन की सख्ती के बाद भी प्रभावी रोक नहीं लग सका है। लगातार पराली जल रही है। इससे हवा में घुल रहे जहरीले कण कम नहीं वरन अनवरत बढ़ रहे हैं। जो स्वस्थ को भी अस्वस्थ कर रहा है और पहले से बीमार चल रहे लोगों का जीवन संकट में डाल रहा है। सांस के रोगियों के लिए मौके का एक्यूआई स्तर चिन्ता बढ़ाने वाला है। दमा के रोगियों का जीवन संकट में डालने वाला है। नगर के बीएनकेबी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भूगोल विषय के प्रवक्ता डा. कमल प्रकाश त्रिपाठी के अनुसार वायु गुणवत्ता स्तर 50 तक होने पर अच्छा होता है। 51 से 100 तक खराब, 101 से 200 तक बेहद खराब, 201 से 300 तक गम्भीर, 301 से 400 तक बेहद गंभीर और 401 से 500 तक बेहद ही खतरनाक होता है। बताया कि मौके का एक्यूआई गंभीरावस्था में है। इसलिए रोगियों ही नहीं सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है। हवा को दूषित होने से बचाने के लिए पराली को जलाने से हर हाल में रोकना चाहिए।