एसडीएम कार्यालय के बाबू के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय में हुई शिकायत, न्यायलयीन प्रकरण के नोटिस में किये थे गड़बड़ ?

बैकुंठपुर । अनुविभागीय अधिकारी (रा.) न्यायालय बैकुंठपुर में पदस्थ योगेश शिन्दे बाबू के द्वारा न्यायालीन प्रकरण में पीठासीन अधिकारी एवं आदेश पत्र दिनांक के विपरीत प्रकरण में स्वयं कार्यवाही करने के मामले में अधिवक्ता और आवेदक दोनो ने शिकायत दर्ज कराई है।

जानकारी के अनुसारन्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बैकुण्ठपुर जिला कोरिया के यहां विचाराधीन एक प्रकरण में दिनांक 25/10/2024 को पीठासीन के द्वारा न्यायालय में सुनवाई करते हुए प्रकरण आपत्ती आवेदन के जवाब एवं तर्क हेतु अंतिम अवसर नियत कर पेशी तिथि 08/11/2024 नियत की गयी है। जिसमें अनावेदक/आपत्तीकर्ता के अधिवक्ता बतौर पर वे पैरवी कर रहे है। शिकायत के अनुसार एसडीएम कार्यालय में पदस्थ एक बाबू द्वारा दिनांक 05/11/2024 को स्वयं प्रकरण में अनावेदक/आपत्तीकर्ता सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर पेशी तिथि दिनांक 08/11/2024 को उपस्थिति के लिए तामिल कराया गया है तथा नोटिस में जारी करने का दिनांक 09/10/2024 उल्लेखित है तथा पेशी तिथि में काट-छांट की गयी पहले उसे 28/10/2024 लिखा गया तथा फिर उसे सुधार कर 08/11/2024 किया गया है। पीठासीन के द्वारा न्यायालय में दिनांक 25/10/2024 को प्रकरण जवाब एवं तर्क के लिए नियत किया गया है तथा उसमें उपस्थिति हेतु नोटिस जारी करने का कोई भी आदेश पीठासीन के द्वारा नहीं किये जाने के बावजूद बाबू के द्वारा आगामी पेशी तिथि दिनांक 08/11/2024 की नोटिस पक्षकारों को 09/10/2024 की तारीख में जारी कर किस विधिक अधिकार के तहत् करायी गयी है जबकि प्रकरण में कभी भी दिनांक 09/10/2024 की पेशी तिथि पीठासीन अधिकारी के द्वारा 08/11/2024 नियत नहीं की गयी है उन्होंने आरोप लगाया ही कि बाबू के द्वारा लाभ प्राप्त कर बिना न्यायालीन आदेश के स्वयं के द्वारा प्रकरण में अवैध कृत्य करते हुये 08/11/2024 को उपस्थिति के लिए नोटिस अनावेदक/आपत्तिकर्ता सहित अन्य को जारी किया गया जबकि पीठासीन अधिकारी के द्वारा 25/10/2024 को प्रकरण की सुनवाई में ऐसा कोई आदेश पेशी तिथि दिनांक 08/11/2024 हेतु नहीं किया गया है। इस प्रकरण से स्पष्ट है कि बाबु प्रकरण में स्वयं रूचि रखते हुए अवैधानिक कार्यवाही कर रहे हैं जिसके लिये उनके विरूद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।