मुर्दे की जमानत पर जेल बाहर आ गए आरोपी

बरेली जहां कोर्ट द्वारा लोगों को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयास रहता है वही एक मामला ऐसा सामने आया है जहाँ अभियुक्तों ने समर्पण तो किया पर जमानत मंजूर होने के बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर न्यायालय को ही गुमराह कर दिया। यहाँ सवाल यह उठता है को एसीजेएम प्रथम से शिकायत कर कार्यवाही की माँग जो व्यक्ति न्यायालय के साथ इतनी बड़ी धोखाधड़ी कर सकता है वह आम जनता के साथ क्या करता होगा। थाना बारादरी के रोहली टोला निवासी शारिक अब्बासी पुत्र साबिर ने एसीजेएम प्रथम को लिखित शिकायत करते हुए बताया कि उनकी कोर्ट में चल रहे मुकदम्मा संख्या 707 / 023 में मोहम्मद साजिद, रईस मियां, शमशाद हुसैन, नजीबुर्रहमान के द्वारा 23 अक्टूबर 24 को न्यायालय में समर्पण कर लिया था। आरोप है कि उसके बाद कोर्ट में जमानत मंजूर होने पर शमशाद हुसैन पुत्र सज्जाद हुसैन के द्वारा एक जमानती अनीस अहमद पुत्र अब्दुल मजीद निवासी 368 मदीना मस्जिद के निकट चकमहमूद पुराना शहर बरेली को दाखिल किया गया जिसका आधार कार्ड एवं उसके वहां की आर सी कागज भी दाखिल किए गए साथ ही बयान हल्की पर जमानती अनीस अहमद का फोटो भी चस्पा किया और अंगूठा भी लगवाया जो सब फर्जी हैं कियुर्की उक्त अनीस अहमद पुत्र अब्दुल मजीद की मौत 27 जून 2023 को हो चुकी है। जिसकी मौत का पंजीकरण 30 अगस्त 2023 को नगर निगम में भी हो चुका है प्रार्थी ने ऐसीजेएम प्रथम को लिखित शिकायत करते हुए बताया कि आरोपियों द्वारा न्यायालय के साथ धोखाधड़ी एवं फर्जी पर पत्र तैयार कर जमानत ली गई है एवं किसी अन्य व्यक्ति को अनीस अहमद दिखाते हुए प्रस्तुत किया गया है जो कि सरासर न्यायालय को गुमराह करते हुए गलत है इसलिए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई जाए।