तंत्र-मंत्र में बलि देकर ताई ने की थी मासूम बच्ची की हत्या सनसनीखेज खुलासा

बरेली के इज्जतनगर के शिकारपुर चौधरी में चार साल की मासूम मिस्टी की हत्या का राज खुल गया है। हत्या तंत्र-मंत्र के चक्कर में की गई। मामले में आरोपी महिला सावित्री व उसके रिश्ते के ससुर तांत्रिक गंगाराम को जेल भेजा गया है। सावित्री मृतका की ताई है।मिस्टी की हत्या का एसएसपी अनुराग आर्य ने किया है। इज्जतनगर पुलिस के मुताबिक बच्ची की हत्या अंधविश्वास की वजह से की गई। सावित्री के घर में उसके पति राधेश्याम, देवर बाबूराम और ससुर डोरीलाल की आकस्मिक मौत हो गई थी।सावित्री से उसके बच्चे रहते हैं दूर कुछ साल के अंतराल में तीन मौत होने से वह काफी परेशान थी। वह खुद बीमार रहती थी। सावित्री के तीनों बच्चे उससे मतलब नहीं रखते थे। बेटियां ननिहाल में और बेटा बुआ के पास रहता था। इस दौरान रिश्ते का ससुर गंगाराम सावित्री के संपर्क में आया। वह झाड़फूंक करता था। उसने दावा किया कि वह दिवाली पर विशेष पूजा करके उसके घर में सुख संपन्नता लाने का काम करेगा। कहा था कि किसी बच्ची को ले आओ, रात में तंत्र पूजा कर उसे छोड़ देंगे। ज्यादा देर घर में बंद रखने पर मिस्टी रोने लगी तो दोनों ने उसका गला दबा दिया।बलि देने की तैयारी की चर्चा, तलाश होने पर मार दिया सावित्री मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है। सावित्री ने बताया कि वह अवसाद की स्थिति में थी। बच्चों उससे बात नहीं करते थे। तब वह झाड़फूंक करने वाले गंगाराम के चक्कर में फंस गई। हालांकि सावित्री ने स्वीकार नहीं किया लेकिन परिवार ने आरोप लगाया कि रात में यह लोग बच्ची की बलि देने की तैयारी कर रहे थे।गंगाराम मिठाई लेकर आया और दोनों बहलाने लगे। दस-पंद्रह मिनट चुप रहने के बाद मिस्टी दोबारा रोने लगी। उसके घरवाले आसपास घरों में उसकी तलाश कर रहे थे। सावित्री ने उन्हें दरवाजे से ही खुद बीमार होने का बहाना करके टरका दिया था, इस कारण उन्होंने उसकी हत्या कर दी। इधर, परिजनों को सावित्री के घर न खोलने से उस पर पुख्ता शक हो गया जो उन्होंने पुलिस को बता दिया।रेलवे से सेवानिवृत्त है आरोपी गंगाराम आरोपी तांत्रिक गंगाराम 2012 में रेलवे के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद से सेवानिवृत हो चुका है। वह झाड़-फूंक पहले से करता आ रहा है। गंगाराम की हरकतों से परेशान होकर उसके बेटे गांव के दूसरे छोर पर घर बनाकर रहने लगे। उसकी पत्नी की काफी पहले मौत हो चुकी थी। उसने फूलन देवी नाम की महिला से शादी कर ली। मिस्टी की हत्या के बाद वह फरार हो गया और खेतों में जाकर छिप गया था।टॉफी के लालच ने पहुंचाया मौत के द्वार गंगाराम ने सावित्री को बताया था कि पूजा भले ही रात में होगी पर दिन में ही बच्ची को कब्जे में लेकर पूजन के लिए तैयार करना होगा। इसलिए सावित्री ने दोपहर एक बजे करीब मिस्टी से कुछ देर बात की। कहा कि चलो तुम्हें घर पर टॉफी और सोया खिलाऊंगी। मिस्टी ताई के साथ चली गई। करीब एक घंटे तक मिस्टी उसके घर खेलती व टॉफी खाती रही, लेकिन बाद में घर पर मां के पास जाने की जिद करने लगी।तंत्र-मंत्र का सामान बरामद पुलिस ने सावित्री के घर से तंत्र मंत्र का सामान, मिस्टी की चप्पल, कड़े आदि बरामद कर लिए। एक लाल चुन्नी, एक रोली का पैकेट, हवन सामग्री, कुमकुम, कपूर, चार छोटी चूड़ी, सिंदूर, मेंहदी, काजल की डिब्बी, पांच सुपारी, एक माचिस की डिब्बी, दो जायफल, एक तांबे का लोटा, एक मिट्टी का दिया, लॉकेट वाली माला, एक स्टील की प्लेट व एक तेल की शीशी बरामद की।सावित्री और गंगाराम ने तंत्र विद्या करने के लिए बच्ची को घर में बंद किया था। परिजनों और पुलिस की सक्रियता की वजह से वह घबरा गए थे। तो इन्होंने उसका गला दबाकर हत्या कर दी। दोनों को जेल भेजा गया है। उन्हें अधिकतम सजा दिलाने को पुलिस पैरवी करेगी अनुराग आर्य, एसएसपी