राधा कृष्ण संस्कृत महाविद्यालय में देखा गया संस्कृत छात्रवृत्ति शुभारंभ कार्यक्रम का सजीव प्रसारण

रायबरेली।संस्कृत शिक्षा का उन्नयन भारतीय वैदिक परंपरा को जीवंत करने का माध्यम बनी प्रदेश सरकार ने संस्कृत के विद्यालयों को सुदृढ़ करने का काम किया है।उक्त बातें संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को छात्रवृत्ति वितरण आयोजित समारोह मैं बतौर मुख्यअतिथि शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने व्यक्त किए।माननीय मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में श्रीराधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय डलमऊ में छात्रवृत्ति वितरण समारोह में पहुँचे शिक्षक विधायक ने कहा कि वेदों की ओर लौटने का समय आ गया है,जिसमें प्रदेश की सरकार भरपूर योगदान दे रही है।उन्होंने मा0 मुख्यमंत्रीजी का धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे हमारी वैदिक परंपरा में वृद्धि होगी।जिला विद्यालय निरीक्षक संजीव कुमार सिंह ने कहा कि संस्कृत भाषा एक वैज्ञानिक भाषा है जो विश्व में कीर्तिमान स्थापित करके अन्य भाषाओं को भी समृद्ध करती है छात्रवृत्ति वितरण करके छात्रों को सीधे लाभ से जोड़ा जा रहा है छात्रों में वैदिक पठन पाठन के प्रति रुचि बढ़ेगी तथा विद्यालय में छात्र शिक्षा के प्रति जागरूक होंगे।उन्होंने कहा कि मानवीय मूल्यों की संरचना संस्कृत शिक्षा के बग़ैर अधूरी है इसे पूर्ण संस्कृत शिक्षा का संस्कार दिलाकर ही इसे पूर्ण किया जा सकता है।आज के आधुनिक समय में कंप्यूटर की दुनिया को भी संरक्षित करने का काम संस्कृत शिक्षा ने ही किया है।जिसमें हमें सफलता हासिल हुई है।वहीं संस्कृत महाविद्यालय के प्रबंधक एवं पीठाधीश्वर स्वामी देवेंद्रानन्द गिरी महाराज ने संस्कृत शिक्षा उन्नयन के लिए अपने विचार व्यक्त किये तथा संस्कृत के छात्रों को शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए उत्साहित किया । कार्यक्रम सरस्वती वन्दना तथा मंगलाचरण के साथ प्रारंभ हुआ।सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा सम्पादित किये गये माननीय मुख्यमंत्रीजी के कार्यक्रम को प्रदर्शित किया गया ,जिसे छात्रों द्वारा देखा गया छात्र जश्न मनाकर उत्साहित रहे।जनपद के कुल 14 संस्कृत माध्यमिक महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति की प्रथम किस्त का वितरण किया गया जिसमें 563 छात्रों को लगभग 3,71,000 रुपया की धनराशि उनके खातों में भेजने का निर्देश दिया गया है संस्कृत विद्यालय के छात्रों में नितिन ,ओम शुक्ला,अभिज्ञान दीक्षित 24 छात्रों को डमी चेक प्रदान की गयी।कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी देवेंद्र आनंद गिरि ने किया तथा संचालन संस्कृत नोडल हरीशानंद मिश्र ने किया।इस मौक़े पर स्वामी दिव्यानन्द शिक्षक विधायक प्रतिनिधि पुष्पेन्द्र तिवारी , प्रधानाचार्य उमाकांत मिस्त्र ,जगतधर नाथ पाण्डेय,अशोक शुक्ला ,गायत्री प्रसाद त्रिपाठी,राजीव शुक्ला उमाकांत अवस्थी ,विवेक दीक्षित , शशिकांत शुक्ल, राम अवध त्रिपाठी सुमंत पांडेय हरिप्रकाश बाजपेयी , जय प्रकाश पांडेय आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे। विद्यालय प्रधानाचार्य उमाकांत मिश्र ने मुख्य अतिथि के प्रति आभार व्यक्त किया।