टेलीकॉम कंपनियों से उपभोक्ता अपने को ठगा महसूस कर रहा

रायबरेली।त्योहारों का मौसम है लोगो को अपनों से बाते करनी है तो मोबाइल से नेटवर्क गायब हो रहे है।कुशल क्षेम जानना है तो नेटवर्क गायब।कुछ माह पूर्व टेलीकॉम कंपनियों द्वारा रिचार्ज में मूल्य वृद्धि की गई है,लेकिन उपभोक्ताओं को मिलने वाली सुविधाएं बेहद शून्य है।ग्रामीण अंचलों में नेटवर्क 5 जी बोलकर 2 जी,3 जी दिया जा रहा और तो और कोई उपभोक्ता कहीं पर फोन लगा रहा हो तो वह भी नहीं लग रहा है।यह किसी एक टेलीकॉम कंपनी की बात नहीं है,चाहे जिओ,एयरटेल,वीआई,वोडाफोन इन या बीएसएनल ही क्यों न हो।डिजिटल भारत में जिस कदर टेलीकॉम कंपनियों संचार के माध्यम से नव युग की स्थापना की वह अब धीरे धीरे लोगों के लिए समस्या बन रहा चुका है।जहां टेलीकॉम कंपनियां संचार क्रांति में 5 जी से 6 जी की ओर बढ़ रही है।वही अधिकांश समय ग्रामीण अंचल सहित अन्य जगहों पर नेटवर्क ही गायब रहता है।मूल्य वृद्धि के साथ माह को 28 दिनों का बना दिया और वह भी 28 दिन सुचारू रूप से नेटवर्क आम जन मानस का साथ नहीं दे रही है।उपभोक्ताओं का टेली कॉम कमानियों द्वारा सिर्फ शोषण किया जा रहा है।रिचार्ज समाप्त होने के दौरान नेटवर्क आदि बराबर काम करने लगते है।जो आम उपभोक्ताओं को सोचने पर विवश कर रहा है।जबकि संचार क्रांति में सिम पोर्ट की व्यवस्था भी है,सभी टेलीकॉम कंपनियों की स्थिति वही बनी हुई है।आखिर उपभोक्ता जाए तो कहां,सब का रवैया एक जैसा ही है।टेलीकॉम कंपनियों द्वारा जो टोल फ्री नंबर ग्राहक सेवा के लिए दिया जाता उस पर भी फोन नहीं लगता आमजनता टेलीकॉम कंपनियों द्वारा ठगा सा महसूस करता है।अपनी समस्या शिकायत किसे दर्ज कराए।मूल्य वृद्धि करके मोबाइल पर कॉल की तरह नेटवर्क आता जाता रहता है।