काँकेर का बिजली ऑफिस  बन गया दलालों का दफ़्तर

काँकेर । शहर काँकेर का बिजली ऑफिस इन दिनों दलाली कार्यालय बना हुआ है। शहर के नागरिकों को बिजली संबंधी छोटे-मोटे कार्य के लिए भी विद्युत कार्यालय के अनेक चक्कर लगाने पड़ते हैं। चक्कर लगाते- लगाते चप्पलें घिस जाती हैं लेकिन काम नहीं होता है। इस के विपरीत यदि बिजली कार्यालय के साहबों के खास -उल-खास दलालों से यदि संपर्क किया जाए तो छोटे ही नहीं बल्कि बड़े कार्य भी बड़े आराम से संपन्न हो जाते हैं। शर्त यही है कि दलाली तगड़ी देनी पड़ेगी। यदि आप गरीब हैं ,तगड़ी दलाली नहीं दे सकते, तो महीनों ही नहीं बरसों भी चप्पल घिसते रहिए आपका कोई काम होने वाले नहीं हैं। मुश्क़िल बात तो यही है कि साहब अपने मुंह से कभी पैसे की बात कहने से बचते रहते हैं, इसलिए उनके मन की बात को समझ कर संबंधित दलाल से मिलना पड़ता है। उसके बाद चाहे आप मीटर बदलवा लीजिए, नया मीटर लगवा लीजिए अथवा नया कनेक्शन ले लीजिए, थ्री फेज कनेक्शन मांग लीजिए , बिजली का पोल दूर होने पर भी कनेक्शन ले लीजिए । इस प्रकार के कई महत्वपूर्ण कार्य कर लीजिए, दलाल भाई के माध्यम से सब कुछ मुमकिन है ।तीन-चार दिनों में भी मुमकिन है जबकि आप यदि ऑफिस में ही बात करते रह जाते हैं और दलाल के माध्यम से दक्षिणा नहीं पहुंचाते तो फिर चक्कर काटते रहिए। साहब एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देंगे। आपका आवेदन पत्र कहां पड़ा रहेगा, किस फाइल अथवा ड्राज़ में दबा रहेगा, कोई कुछ नहीं कह सकता। यहां महीनों से ऐसा ही चल रहा है ।अब तो रायपुर में बैठे उच्च अधिकारियों से ही आशा की जाती है कि इस संबंध में कोई ठोस क़दम उठाएंगे अन्यथा काँकेर की जनता विद्युत संबंधी कार्य से परेशान होती ही रहेगी।