कस्बा नगला बीच मे कृषि विभाग के अधिकारियों ने की जाँच

संवाददाता- वैभव जैन

फ़िरोज़ाबाद।वर्तमान समय मे किसानों को खेती हेतु डीएपी की आवश्यकता पड़ रही है। किसानों को उचित दर पर डीएपी उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को डीएपी के वितरण की व्यवस्था बना रखी है। किंतु किसानों को बाजार से अधिक मूल्य पर डीएपी खरीदनी पड रही है। जिले में डीएपी की कालाबाजारी को रोक किसानों को उचित दर पड़ उपलब्ध कराने हेतु जिले के जिम्मेदार अधिकारी जगह जगह छापेमारी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को टूण्डला एटा रोड पर बसे कस्बा नगला बीच मे सामने आया।
बुधवार को थाना रजावली के कस्बा नगला बीच मे उपजिलाधिकारी टूण्डला गजेन्द्र पाल सिंह को डीएपी की कालाबाजारी की सूचना मिली। मिली सूचना के आधार पर उपजिलाधिकारी टूण्डला गजेन्द्र पाल सिंह सत्यता का पता लगाने हेतु एक महिला अधिकारी रेखा वर्मा और कृषि विभाग के एडीओजी दौलतराम उपाध्याय नगला बीच मे रामसिंह महाविद्यालय के नजदीक स्थित डीपी खाद बीज भंडार की दुकान पर पहुँचे। मौके पर दुकानदार सौरभ यादव पुत्र जितेंद्र यादव एडवोकेट निवासी ढकई राजमल से महिला अधिकारी ने पूछताछ शुरू की। अधिकारियों के जांच करने पर स्टॉक रजिस्टर में कुल 330 बोरियां डीएपी की मौजूद मिली। जिनमेँ से लगभग 100 बोरियां अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में वितरित कराई। अधिकारियों के जाने के बाद दुकानदार लगभग 230 बोरियो को बिना वितरित किये स्टॉक खत्म होने की बात कह दुकान बंद कर के चला गया औऱ फिर शुरू होने लगी कालाबाजारी। मौके पर मिले नजदीकी गांव के एक किसान ने बताया जब तक अधिकारी मौजूद थे तक तो वितरण सही किया अधिकारियों के जाने के बाद दुकानदार ने स्टॉक खत्म होने की बात शुरू कर दी जबकि वास्तव में सिर्फ लगभग 100 बोरियो का ही वितरण हुआ था।
आखिर कब तक चलती रहेगी ये कालाबाजारी ?