प्रतिमा और प्रति "माँ” में हैं आदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा पंडित दयाराम जोशी

पवित्र शारदीय नवरात्रि पर नारीशक्ति के सम्मान का संकल्प लें पंडित दयाराम जोशी

हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने होंगे ताकि वे सभी महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करें

रायबरेली।पवित्र नवरात्रि का पर्व नारी शक्ति का प्रतीक हैं,शारदीय नवरात्रि का पर्व 3 अक्तूबर से आरम्भ हो गया हैं।जिसका समापन 11 अक्तूबर को नवमी के दिन कन्या पूजन होगा ताकि साधक और उसके परिवार पर माता रानी की कृपा बनी रहे और 12 अक्तूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा।शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर समाजसेवी पंडित दयाराम जोशी ने सभी देश व प्रदेश वासियों की सुख, शांति और समृद्धि एवम् विश्व कल्याण की कामना करते हुए नारी शक्ति के सम्मान का संकल्प लिया दिलाया।अपने वक्तव्य में हमारी भारतीय परम्परा में नवरात्रि का आयोजन देवी के नौ स्वरूपों के माध्यम से शक्ति, ज्ञान तथा ऐश्वरय के तीन महत्वपूर्ण पक्षो को प्रगट करता हैं।आदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा की प्रतिमा और प्रति माँ में हैं। इसलिए हमारे समाज में देवी की प्रतीक महिलाओं के सम्मान के कार्यों को आगे बढ़ाएं, तो वे समाज में नई प्रेरणा बनेंगे।यह कार्य आधी आबादी को स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।यह समाज व हम सब की जिम्मेदारी है और नवरात्र भी हमें जीवन में इस बात की प्रेरणा देते है।पंडित दयाराम ने आगे कहा, नवरात्रि का पर्व नारी शक्ति का प्रतीक है।नवरात्र पर घर-घर में मां दुर्गा की पूजा होती है,वहां सुख,शांति और समृद्धि बनी रहती है।पवित्र नवरात्रि केवल कन्या पूजन तक सीमित नहीं है।हर मां, बहन और बेटी का आदर सम्मान का महत्वपूर्ण संदेश भी देते हैं।इसलिए महिलाओं के सम्मान के लिए अच्छा आचरण अपनाएं और कन्या पूजन के साथ ही हर महिला का सम्मान करें तथा हमेशा महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान का भाव बनाए रखें।इसके लिए हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने होंगे ताकि वे दूसरी महिलाओं को भी अपने परिवार का सदस्य ही समझे और सब के साथ अच्छा व्यवहार करें।तो आइएं इस नवरात्रि, महिलाओं के सम्मान का संकल्प लें और अपने व्यवहार में बदलाव लाएं।ताकि हर महिला चाहे वह मां हो,पत्नी हो,बहन हो,बेटी हो या कोई स्त्री हो वो आप के व्यवहार से सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सके।सभी महिलाओं का सम्मान करने के लिए आपको कुछ खास करने की जरूरत नहीं है।इसके लिए आज़ से ही अपने घर से ही शुरुआत करें और आप अपनी मां के साथ समय बिताएंगे।उनका स्वास्थ्य और जरूरतों का ख्याल रखें।रोज़ कुछ समय अपनी मां के साथ बैठकर बात करें।बेटियों को शिक्षा दें,बेटी भी घर की लक्ष्मी और अन्नपूर्णा होती है।इसलिए हमारा सभी से निवेदन हैं कि अपनी बेटी को आत्मनिर्भर बनाएं और उसकी शिक्षा पर ध्यान दें।पत्नी का सम्मान करें क्योकि पत्नी को गृहलक्ष्मी और अन्नपूर्णा कहा जाता है।इसलिए पत्नी और बहू का भी सम्मान करें।उन्हें महसूस कराएं कि ससुराल उनका अपना घर है।जहां उनका पूरा अधिकार है। बहनों को सुरक्षा दें,हमारी बहनें और बेटियां घर की खुशी होती हैं।इसलिए बहन-बेटियों की सुरक्षा जरूरी है।बहन-बेटियों को सुरक्षा दें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगे।उन्होंने आगे कहा, इस पावन शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर हम मां जगत जननी से देश-प्रदेश की सुख,समृद्धि व जीवमात्र के कल्याण की कामना करते है।महाशक्ति की कृपा से विश्व में सद्भावना का संचार हो और माँ का आशीर्वाद सम्पूर्ण जगत पर बनी रहे।शक्ति स्वरूपा माता जगदंबा की अनुकंपा से सभी का जीवन सुख,शांति एवं आरोग्यता से परिपूर्ण हो यही हमारी प्रार्थना है।सभी देश वासियों को पुनः शारदीय नवरात्रि की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, मातारानी आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें।इस मौके पर पूर्व प्रधान सरायंसहिजन इंद्रसेन सिंह,खुर्रुम पुर सहकारी समिति प्रशासक शैलेंद्र सिंह उर्फ कुल्ला काका,नितिन जायसवाल,पवन,राकेश कुमार सहित लोग मौजूद रहे।