मुडिया कुर्मियात में आगरा के राधा स्वामी मंदिर के तर्ज पर बना राधा कृष्ण मंदिर

राधा कृष्ण मंदिर निर्माण में 12 वर्ष तक मुस्लिम कारीगरों ने किया था कठिन परिश्रम

वास्तुकला की बेजोड़ मिसाल है मंदिर, 52 दरवाजे 13 गुंमद है राधा कृष्ण मंदिर में

सुबोध कुमार जर्नलिस्ट

शाहजहांपुर जिले की पुवायां तहसील से पुवायां बण्डा हाईवे के बीच स्थित मझिगवा से वनिगंवा होते हुए मुडिया कुर्मियात राधा कृष्ण के भव्य मंदिर के दर्शन कराते हैं। यहां भव्य राधा कृष्ण मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ संगम है। मिली जानकारी के अनुसार इस मंदिर का निर्माण लगभग 500 वर्ष पहले मुडिया कुर्मियात के जमीदार दो भाई बुद्धसेन और चूड़ामणि ने करवाया था। मंदिर का नक्शा आगरा में बने राधा स्वामी के मंदिर के आधार पर है। राधा कृष्ण मंदिर में 52 दरवाजे और 13 गुंमद है जो की मंदिर की सुंदरता को चार चांद लगाते हैं।

राधा कृष्ण मंदिर सरकारी तंत्र की अनदेखी के चलते बेहद जर्जर हो चला है। 500 वर्ष से खड़े इस मंदिर पर धूप, वर्षा और आंधी के थपेड़ों के झेलते हुए इस मंदिर का काफी खस्ताहाल हो चुका है। इस अनमोल धरोहर को सरकारी मदद और संरक्षण की जरूरत है। यह मंदिर पर अगर जिले के सरकारी तंत्र एवं पुरातत्व विभाग ध्यान दें। तो यह राधा कृष्ण मंदिर एक अच्छा पर्यटन स्थल बन सकता है।

राधा कृष्ण मंदिर में कभी करोड़ों कीमत की राधा कृष्ण की 86 किलो वजनी अष्टधातु की मूर्ति सहित तमाम कीमती सामान चोरी हो चुका है। इस मंदिर की देखभाल वर्तमान में 10 वीं पीढ़ी के पुजारी मुकुट बिहारी बाजपेई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मंदिर के निर्माण में मुस्लिम कारीगरों ने 12 वर्ष तक कठिन परिश्रम करने के बाद अद्भुत मंदिर बनाने में सफलता प्राप्त की थी। मंदिर बनाने में कंक्रीट के साथ-साथ चूना, सुर्खी 12 अन्य चीजें मिलाकर मंदिर की ईंटों को जोड़ा गया। राधा कृष्ण मन्दिर अपनी बेमिसाल मजबूती के चलते आज भी पुराने स्वरूप में मौजूद है। मंदिर के चारों तरफ अनोखी बेल बूटों की चित्रकारी है। अगर मंदिर की बनावट की बात करें तो मंदिर की बनावट भूल-भुलैया वाली है। मंदिर के 13 गुंमद और 52 दरवाजे हैं। मंदिर का मुख्य दरवाजा पूर्व की ओर है इस दरवाजे खोलते ही राधा कृष्ण के दर्शन हो जाते हैं। मंदिर के दोनों दरवाजों पर राधा कृष्ण जी के द्वारपाल मौजूद है।

इस समय मंदिर में भगवान विष्णु की काले पत्थर से बनी बेशकीमती प्रतिमा स्थापित है। यहां पर मिले भक्तों के अनुसार इस मंदिर में भगवान राधा कृष्ण से जो भी मन्नत मांगी जाती है। और मन्नतें पूरी होती हैं। आज भी इस मंदिर में निसंतान दंपति अगर सच्चे दिल से संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगे तो उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है। इस मंदिर से कई निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति हुई है। इस मंदिर में मुंडन संस्कार का प्रावधान भी है। इस मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर प्रत्येक वर्ष मेला का आयोजन भी होता है। मेले में दूरदराज के लोग आते हैं।

पुरातत्व की अनदेखी के चलते मंदिर चीण-छीण की अवस्था में

मुडिया कुर्मियात में राधा कृष्ण मंदिर बेहद जर्जर अवस्था में है। मंदिर के गुंमदओं में दरारें पड़ चुकी हैं। और दीवारें भी खस्ताहाल हो चली है। मंदिर को सरकारी रख-रखाव व मदद की जरूरत है अगर पुरातत्व विभाग चाहे तो शाहजहाँपुर में धीरे-धीरे नष्ट होती मंदिरों और धरोहरों को फिर से नया जीवन मिल सकता है। और कई जगहों को पर्यटक स्थल का रूप बना सकते हैं।