सारंगपुर के भूमका में त्रिपाल में दाह संस्कार: 13 साल पहले 2 लाख में बना था शमशान, अब शेड पर से टीन हुए तार तार 

राजगढ़/सारंगपुर-भूमका गांव में बारिश के बीच अगर किसी की मौत हो जाए तो परिजनों को पहले त्रिपाल खरीद कर लाना पड़ता है तभी दाह संस्कार संभव है. बीते दिनों एक महिला की मौत के बाद दाह संस्कार के पहले बारिश शुरू होने से त्रिपाल लगाकर दाह संस्कार किया गया जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है।रविवार को सोश्यल मिडिया पर शमशान में त्रिपाल लगाकर चिता सजाने का वीडियो जमकर वायरल होने लगा। मामले की जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ की सारंगपुर के भूमका गांव में साल 2010-11 में 1 लाख 95 हजार की लागत से बना शमशान का टीनशेड अब पुरी तरह से जर्जर हो गया। ग्रामीण देवकरण नागर ने बताया की वर्तमान में शेड पर लगे टीन अब तार तार हो गए है। ऐसे में बीते दिनों देवीलाल नागर की वृद्ध माताजी सोरमबाई की मृत्यु हो गयी थी. लेकिन बारिश के कारण ज़ब शमशान पहुंचे तो चिता को बारिश से बचाने के लिए पहले 500 रुपए की बरसाती त्रिपाल खरीद कर लाना पड़ी. तब कहीं दाह संस्कार किया जा सका।मामले में सचिव संजय तोमर ने बताया की दो साल पहले सरपंच चंद्रकला नागर के साथ प्रपोजल बनाकर जनपद सीईओ सहित तत्कालीन एपीओ नीतू पाल और मनरेगा अधिकारी को सौंपा था. लेकिन उन्होंने यह कहकर निरस्त कर दिया की आपके यहां मनरेगा के कार्यों का कोटा पुरा हो गया है इसलिए स्वीकृत नहीं किया जा सकता।