डेलापीर फल मंडी में भीषण आग से 28 दुकानें जलकर राख, करोड़ों का हुआ नुकसान

बरेली डेलापीर फल मंडी में बीती रात भीषण आग लगने से 28 दुकानें जलकर राख हो गई। इनमें रखे करोड़ों रुपए के फल भी जलकर नष्ट हो गए अग्निशमन दल के देरी से पहुंचने की वजह से आग फैलती चली गई। फिलहाल, आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।बताया जाता है कि देर रात फल मंडी के ज्यादातर कारोबारी अपनी दुकानें बंद करके घर जा चुके थे। फल मंडी के शेड में आठ नंबर दुकान के पास से अचानक लपटें उठने लगीं। दूसरी आढ़त पर मौजूद फल कारोबारी बबलू ने यह देखकर शोर मचाया तो कुछ व्यापारी व उनके कर्मचारी आ गए।इन लोगों ने केन में भरे पानी से आग बुझाने की कोशिश की। आग नहीं बुझी तो उन्होंने गेट पर मौजूद पुलिस कर्मियों को सूचना दी। उसी वक्त अग्निशमन विभाग को भी सूचना दी गई, पर टीम 45 मिनट बाद मौके पर पहुंची पांच फायरब्रिगेड आग बुझाने में जुट गए। काफी प्रयास के बाद भी रात दो बजे तक वे लपटों पर काबू नहीं पा सके। दुकानों में रखे मजदूरों के छोटे- छोटे एलपीजी सिलिंडर भी बीच-बीच में फटते रहे। इससे आग भड़कती चली गई मौके पर इंस्पेक्टर इज्जतनगर धनंजय पांडेय समेत आसपास के थानों की पुलिस टीम भी पहुंच गई व्यापारियों ने अग्निशमन दल के देरी से पहुंचने पर नाराजगी जताई। आग बुझाने के दौरान अग्निशमन कर्मियों को कई बार जान जोखिम में डालनी पड़ी। दरअसल बार-बार हो रहे धमाकों के साथ ही आग भड़कती जा रही थी। पता लगा कि कभी मजदूरों के छोटे एलपीजी सिलिंडर फट रहे थे तो कभी दुकानों के लिंटर आग से चटक रहे थे। जब-जब आवाज होती थी, वहां मौजूद दुकानदार व अन्य लोग दहल जाते थे। रात दो बजे आग पर काबू पाया जा सका।करीब तीन घंटे तक दुकानों से लपटें उठती रहीं। आग से बर्बादी देख कई कारोबारी रो पड़े।डेढ़ साल से खराब था ओवरहेड टैंक का मोटर मंडी में आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे। मंडी के ओवरहेड टैंक का मोटर डेढ़ साल से खराब है। मौके पर पहुंची दमकल टीम को पानी नहीं मिला। इस पर दमकल टीम ने दूसरे संसाधनों को तलाशना शुरू किया अंदर पानी की आपूर्ति का कोई साधन न होने से जहां दमकल स्टाफ बेबस हो गया, वहीं आग भड़कती रही। मंडी में पानी न होने से टीम को बाहर से पानी लाना पड़ा। डेलापीर चौराहे के पास हाइड्रेट तो मिला, लेकिन पानी खत्म होने के बाद हर बार टीम को बाहर की दौड़ लगानी पड़ रही थी।एफएसओ संजीव यादव ने बताया कि डेलापीर चौराहे के पास मिला हाईड्रेट काम तो आया, पर गाड़ियों को बार-बार बाहर का चक्कर लगाना पड़ा। इस वजह से काफी समय बर्बाद हुआ। ऊपरी मंजिल पर आग बुझाने के लिए टीम ने पाइप के साथ ही विशेष बाइक व छोटी गाड़ी की मदद ली। इस दौरान जब ऊपर की आग बुझनी शुरू होती थी तो नीचे भड़क जाती थी।