चितौड़गढ़ में कैंसर से जंग लड़ रही गीता का सहारा बन रही “टीम जीवनदाता”

चितौड़गढ़। कहा जाता है खून की कमी को एक रक्तदाता ही पूरा कर सकता है। इसका दुनिया में कोई और विकल्प नहीं है न ही वैज्ञानिकों द्वारा इसका उपाय मिला है। खून एक ऐसा जीवनद्रव्य है जो दुनिया की किसी मशीन में नहीं बनाया जा सकता है यह सिर्फ़ एक मनुष्य में ही निर्माण होता है,ज़िले में ऐसी ही एक संस्था जो लगातार कई सालों से खून की कमी से जूँझ रहे मरीज़ों की हमसफ़र बन रही टीम जीवनदाता चितौड़गढ़ संस्था मुख्यालय के ज़िला श्री सांवलियाजी राजकीय चिकित्सालय में कैंसर का इलाज करवा रही गीता सालवी को बी नेगेटिव प्लेटलेट व खून की आवश्यकता हुई। परिजनों ने टीम जीवनदाता संस्था से संपर्क किया तो टीम के नियमित बी नेगेटिव डोनर अभिनंदन महात्मा,चन्द्रप्रकाश किर,अजयराज धाकड़ से संपर्क किया और मरीज़ की स्थिति के बारे में बताया तो अभिनंदन महात्मा अपनी दुकान छोड़कर,चन्द्रप्रकाश किर अपनी ड्यूटी के दौरान,और अजयराज तीनों रक्तवीर कैंसर से जूँझ रही गीता का जीवन बचाने के लिए ब्लड बैंक पहुँचे और अपना रक्तदान कर कैंसर पीड़िता को नया जीवनदान दिया। टीम जीवनदाता द्वारा ऐसे सेंकड़ो ज़रूरतमंदों को हर रोज़ रक्त उपलब्ध करवाकर मानवीय कार्य कर रही है। इसी दौरान टीम जीवनदाता के महिपाल बंजारा,चम्पालाल प्रजापत,नारायण भोई,राधेश्याम अहीर,दलपत सिंह,मनोज बारेठ,प्रेम सिंह,शिवलाल रेगर,शंकरलाल रेगर,विजयराम कुमावत,सोनू गाडरी,भगत सिंह,आदि ने ज़रूरतमंद मरीज़ों के लिए स्वैच्छिक रक्तदान किया ताकि खून की कमी के अभाव में किसी को भटकना नहीं पड़े। टीम जीवनदाता अनुरोध करती है कि आप भी इस पुनीत कार्य के लिए आगे आये ताकि ज़रूरतमंद रोगियों को भटकना नहीं पड़े उन्हें आसानी से रक्त उपलब्ध हो सके।