थानेदार और उपनिरीक्षक के रवैए से परेशान व्यापारियों ग्रामीणों ने की नारे बाजी

ग्रामीण और व्यापारियों ने दुकानबंद कर गदागंज थाने में किया धरना प्रदर्शन

सुबह से शाम तक बयान से बचते रहे क्षेत्राधिकारी और कप्तान

रायबरेली।जनपद के लोगो का पुलिस से एतबार उठ गया और गुरुवार की सुबह लगभग 500 ग्रामीणों ने थाने के अंदर नारे बाजी की,थाने के पास भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है की जनपद में पुलिसिया प्रशासन का किस स्तर पर पहुंच गया है।जबकि प्रदेश के मुखिया लगातार पुलिस को निर्देशित करते रहते है की निर्दोष सलाखों के पीछे न भेजा जाए और दोषियों को बख्शा भी न जाए।मुखिया द्वारा निर्देशित होने के बावजूद भी गदागंज पुलिस अपने कारनामों से गुरुवार को सुर्खियों में बन गई।ग्रामीणों और व्यापारियों का कहना है की गदागंज पुलिस ने जिस लड़के को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया और विज्ञप्ति जारी कर जो घटना स्थल दिखाया है वह गलत है।बताते चलें की गुरुवार को सुबह गदागंज थाने पर व्यापारियों सहित ग्रामीणों ने गदागंज थानेदार राकेश चंद्र आनंद और उपनिरीक्षक वकील खान के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने लगे।राकेश चंद्र आनंद को नसीराबाद थाने से लाइन हाजिर किया जा चुका था,सिस्टम में पोल कर गदागंज थाने का कमान लिया था।ज्ञात हो कुछ दिन पूर्व सहज जन सेवा केंद्र संचालक से लूट हुई थी,जिसमे पुलिस को घटना को अंजाम देने वालों की तलाश थी।पुलिस ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दीपू उर्फ गौरव 28 वर्ष पुत्र रामधनी ग्राम निवासी जमुनीपुर चारुहार थाना गदागंज को पूरे पवारन से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।जबकि ग्राम प्रधान सहित परिजनों का आरोप है की पुलिस ने मामले को मनगढ़ंत तरीके से पेश किया गया और निर्दोष को जेल भेजा है।व्यापारियों और ग्रामीणों के सवालों पुलिस महकमा बचता हुआ नजर आया है।मौके पर क्षेत्राधिकारी डलमऊ सहित जगतपुर पुलिस भी मौजूद रही है।गुरुवार की सुबह से शाम तक पुलिस व्यापारियों सहित ग्रामीणों को मनाती रही,खबर लिखे जाने तक व्यापारियों सहित ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा।वही मामले के बारे में क्षेत्राधिकारी सहित पुलिस अधीक्षक को फोन पर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई किंतु अभी थोड़ी देर बाद बताते है कह कर पल्ला झाड़ लिया गया।वही पुलिस अधीक्षक के पीआरओ ने बताया की गदागंज थाने में ग्रामीणों और व्यापारियों द्वारा प्रदर्शन मामले की जानकारी न होना बताया गया है।