स्वान्त:सुखाय रघुनाथ गाथा युगपुरुष तुलसी की सनातन को अमर देन-कप्तानसिंह

आलापुर (अम्बेडकर नगर) | तुलसीदास जी का जीवनदर्शन और उनकी अमर कृतियां न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से कालजयी रचनाएं हैं अपितु इनकी रचनाओं में मानवमात्र सहित प्राणिमात्र के दुखों की निवृत्ति के उपाय भी भरे पड़े हैं।यदि कोई स्वान्त:सुखाय भी प्रभु राम के चरित्र का मनन और अनुकरण करता है तो उसका जीवन देवतुल्य हो जाता है।ये उद्गार स्थानीय गाँधी स्मारक इंटर कॉलेज,राजेसुलतानपुर के प्रधानाचार्य कप्तान सिंह ने व्यक्त किये।श्री सिंह श्रीरामचरितमानस प्रणेता संत तुलसीदास की 513 वीं जयंती पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
ज्ञातव्य है कि श्रीरामचरितमानस,हनुमानचालीसा,दोहावली, कृष्णगीतावली सहित अनेक अमरकाव्यों के प्रणेता संत तुलसीदास की 513 वीं जयंती के अवसर पर संस्कृति विभाग,उत्तर प्रदेश शासन के तत्वावधान व भारतीय जनता पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की अवध क्षेत्र कु सहसंयोजक श्रीमती उपमा पांडेय के संयोजकत्व में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन आलापुर तहसील अंतर्गत रामपुर रामगुलाम ग्रामसभा में आयोजित किया गया था।कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक त्रिवेणी राम व मुख्य अतिथि पूर्व भाजपा विधायक श्रीमती अनिता कमल तथा विशिष्ट अतिथि उक्त श्री कप्तान सिंह रहे।कार्यक्रम का संचालन जिले के शासकीय अधिवक्ता जयनाथ पांडेय ने किया।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग,उत्तर प्रदेश शासन द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,उत्तर प्रदेश के अयोध्यामण्डल अध्यक्ष व शिक्षाविद उदयराज मिश्र,पूर्व प्रधानाचार्य लक्षण शुक्ल,वेदपाठी जयप्रकाश पांडेय सहित जिले के विद्वानों को अंगवस्त्रम ओढ़ाते हुए माल्यार्पण के साथ अभिनंदित किया गया।कार्यक्रम को शिक्षाविद उदयराज मिश्र सहित अनेक मूर्धन्य विद्वानों से सम्बोधित करते हुए सन्तशिरोमणि तुलसीदास जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जीवन में आदर्शों और मूल्यों को अंगीकृत करने की सामयिक आवश्यकता जताई।