उधोगपति का दर्जा देकर चढ़ाया सातवे आसमान पर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी नकारा साबित, धानुका फैक्ट्री के धुएं से लोगो का घुट रहा दम, रोड पर लगता लंबा जाम, हादसे के बाद आखिर कोन होगा जिम्मेदार.....

नीमच । धानुका फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं न केवल इंसान को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इससे पेड़ पौधे और जीव जंतु भी प्रभावित हो रहे हैं। इस मामले में प्रदूषण विभाग भी अहम भूमिका निभा रहा है। क्योंकि इस फैक्ट्री पर कार्यवाही करने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी नकारा साबित हो रहा है। ऐसा हम नहीं बल्कि फैक्ट्री के आस-पास रह रहे लोग धुएं से परेशान होकर कह रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है।

सिटी क्षेत्र के जेतपुरा में सड़क किनारे लगी फैक्ट्री से रात दिन निकलने वाले धुआं से ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क किनारे फैक्टरी लगी हुई है। लेकिन किसी अधिकारी को नजर नहीं आ रही है, जबकि दिन - रात धुआं निकलने से लोगों का रात में सोना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर किसान थोड़ी भी पराली में आग लगा दें तो रिपोर्ट दर्ज हो जाती हैं। व्यापारी द्वारा धुआं फैलाने पर अधिकारी अंजान बने हुए हैं।
प्रदूषण के कारण मर रहे हैं मवेशी?
ग्रामिणो ने बताया कि फैक्ट्री के प्रदूषण के कारण गांव में मवेशी मर रहे हैं लोग बीमार हो रहे हैं और पेड़-पौधे सूख रहे हैं। गांव के हैंडपंप का पानी भी खराब हो गया है। मवेशी प्रदूषित पानी पीने से मर रहे हैं। महेश नायक ने बताया कि फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं सांस लेने में मुश्किल पैदा करता है। फैक्ट्री से गांव की तरफ जिस दिन हवा रहती है उस दिन सांस लेने में काफी दिक्कत होती है।
इस संबंध में गिरदोड़ा के ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा था परन्तु अभी कार्रवाई नहीं हुई है।