इल्म की कमी की वजह और अपने निजी फ़ायदे के लिए मज़हब को बदनाम कर रहे हैं मुसलमान,, मौलाना तौकीर रज़ा खान 

बरेली, प्रेम जाल में फस कर गुमराह हो रही लड़कियों और नौजवानों में बढ़ती जा रही नशे की लत की खबरों के बीच आई एम सी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान ने प्रदेश में समाज सुधार और संगठन विस्तार की मुहिम शुरू की है मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने बताया कि इस संबंध में भुता बरेली में मौलाना इदरीस के द्वारा आयोजित समाज सुधार कार्यक्रम में बोलते हुए आई एम सी प्रमुख ने कहा के इल्म हर मुसलमान पर फर्ज़ है दुनियावी तालीम के साथ दीनी इल्म बहुत जरूरी है आज दीनी इल्म की कमी वजह से खुद मुसलमान ही अपने मज़हब को बदनाम करने का काम अंजाम दे रहे है उन्होंने कहा बेटियो,बेटो को दीनी तालीम की कमी की वजह से रिश्तो में दरारे पड़ रही है उस से भी बड़ी बात यह है के घरेलू मनमुटाव जो आपसी सहमति से आसानी से निपटाए जा सकते है अपनी झूठी शान के खातिर थानों तक जा रहे है तब शुरू होता है फर्जी इल्ज़ाम लगाने का सिलसिला जिसमे इल्जाम लगाए जाते है तीन तलाक दे दिया हलाला का दवाब बनाया जा रहा दहेज़ की मांग की जा रही सही बात यह है के इस तरह के 95 प्रतिशत आरोप फर्जी होते है सिर्फ़ दूसरे पक्ष को फसाने के लिए लगाए जा रहे हैं आरोप लगाने वाले अधिकतर लोगो को नही मालूम तीन तलाक, हलाला आखिर है क्या इसका शरई हुक्म क्या है इस्लाम मज़हब ने बहन बेटियों को आला मकाम अता किया है बेटियो को हुकूक दिए है लेकिन दीनी इल्म की कमी की वजह से हम जाने अंजाने आरोप प्रत्यारोप लगा कर अपने निजी फ़ायदे हासिल करने की कोशिश करते है लेकिन भूल जाते है के हम अपने ही मज़हब को बदनाम करने के काम अंजाम देते हैं उन्होंने कहा दीनी इल्म की कमी की वजह से ही नौजवानो में नशे की लत बड़ रही है यह भी रिश्तों में दरार की वजह बन रही है इस सब का एक ही हल है अपने बच्चों को दीनी तालीम पर भी ध्यान दे हमारे बच्चे हमारे लिए सबसे बेहतर है लेकिन उनके भविष्य को अच्छा बनाने के लिए हमारी जिम्मेदारी है हम उन पर नज़र रखें उन्हे वक्त दे दोस्ताना अंदाज में अच्छे बुरे की सीख दे दीन का पाबंद बनाएं जिस दिन हम यह करने में कामयाब हो गए उस दिन समाज में फैली बुराइयां खुद ब खुद दूर हो जाएगी मौजूद रहे मुनीर इदरीसी,मुफ्ती एहसानुल हक चतुर्वेदी,मौलाना इदरीस,फरहत ख़ान,नदीम कुरैशी,सलीम खान,साजिद सकलेनी,आबिद मंसूरी,मकदूम बेग,तकदीरुल हसन,अल्तमश रज़ा,शाहनवाज वारसी, शरोज़ बुखारी,मुहम्मद यूसुफ