दस्तावेज मिलने के पश्चात भी महज गाड़ी सीज कर छोड़ना अपने आप में यक्ष प्रश्न?

फर्जी अधिकारी बन वसूली करते पकड़े जाने पर जो दस्तावेज बरामद हुए जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, उन दस्तावेजो को देखने के पश्चात लोगों के अंदर उठ रहे अहम सवाल?

दस्तावेज मिलने के पश्चात भी महज गाड़ी सीज कर छोड़ना अपने आप में यक्ष प्रश्न?


अंबेडकरनगर
बसखारी थाना क्षेत्र के शुक्ल बाजार के पास गढ़ा रोड पर परतिया चौराहे के पास शुक्रवार को एक क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग का फर्जी अधिकारी बनकर वसूली करने पहुंचे व्यक्ति को क्लीनिक संचालक ने स्थानीय लोगों के मदद से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने युवक की बाइक को सीज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।

शुक्रवार की दोपहर को एक युवक अपने को स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बता कर शुक्ल बाजार के परतिया चौराहे पर संचालित एक

शुक्ल बाजार की एक क्लीनिक पर अवैध वसूली करने गया था युवक

क्लीनिक पर पहुंचकर रजिस्ट्रेशन का पेपर दिखाने के लिए कहते हुए सुविधा शुल्क की मांग करने लगा। क्लीनिक संचालक को संदेह हुआ तो वह परिचय पत्र दिखाने के लिए कहा। तत्पश्चात तथा कथित स्वास्थ्य अधिकारी ने फर्जी आईडी दिखाया। मौके पर ही संचालक व तथाकथित स्वास्थ्य अधिकारी के बीच कहा सुनी होने लगी जिससे मौके पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। संचालक ने तत्काल 112 पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू किया तो उसकी पहचान कौशल पुत्र महेश चन्द्र ग्राम बधाईपुर बरियावन थाना सम्मनपुर के रुप में हुई। बताया जाता है कि कौशल कई दिनों से क्लीनिक चला रहे लोगों को अपना लक्ष्य बनाकर फर्जी दस्तावेज के साथ स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बनकर लोगों से अवैध वसूली कर रहा था। थानाध्यक्ष संतकुमार सिंह ने बताया कि उसकी बाइक को सीज कर पूछताछ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तहरीर मिलने पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

क्लीनिक संचालक एवं जनता बसखारी थाना अध्यक्ष के कार्यवाही बना र्चचा का विषय

फिलहाल जनता एवं अवैध अस्पताल संचालक में र्चचा सरेआम हो रहा है कि अवैध वसूली एवं अस्पताल जांच करने की फर्जी आईडी कार्ड बनवा है CMO लिखा है लेकिन बसखारी थाना प्रभारी मामले को गंभीरता नहीं लिए छोड़ दिए जब कि फर्जी आईडी कार्ड विभाग के नाम से सुसांगत धराओं मुकदमा पंजीकृत करना चाहिए था लेकिन नहीं हुआ

_बसखारी थाना अध्यक्ष का कहना है कि कोई तहरीर नहीं मिली_ फिलहाल थाना अध्यक्ष कोई कठोर कार्रवाई नहीं करना है तो बहाना चाहिए अवैध अस्पताल संचालक तो वैसे ही जिला अधिकारी के निर्देश अनुसार जो छापे पड़े अवैध अस्पतालों पर दहशत में हैं ओ क्यों तहरीर देंगे अगर किलीनिक वालों ने नहीं दिया तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी को खूद कार्रवाई करवाना चाहिए था क्योंकि आईडी मुख्य चिकित्सा विभाग का है विभाग के द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं हुई
कहीं ऐसा तो नहीं बसखारी थाना अध्यक्ष के उपर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी दबाव बनाया

ऐसे बहुत से सवाल खड़े हो रहे बसखारी पुलिस प्रशासन के उपर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी संलिप्ता भी नजर आ रहा है

विश्वास सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वसूली करते हुए पकड़े गए व्यक्ति के पास वसूले गए रुपए थे लगभग तीन से चार लाख रुपए क्या बसखारी के थाना अध्यक्ष रुपया बरामद नहीं किया ? अगर बरामद किया तो बताने क्यों कर रहे हीलाहवाली क्या बिना कार्यवाही के छोड़ दिया जाता है ताकि फिर से वसूली करके लाए और साहब का जेब गर्म हो?