महज शो पीस बनकर रह गई सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकियां 

सूखी पड़ी सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकिया , प्यासे लोग, उदासीन अधिकारी

ऊंचाहार,रायबरेली। कौन कहता है गांव का मौसम गुलाबी है ये दावे झूठे हैं ये दावा किताबी है अदम गोंडवी की व्यवस्था पर प्रहार करती हुई ये पंक्तियां आज के सरकारी सिस्टम और नौकरशाही पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। करीब एक वर्ष पूर्व सांसद निधि से लाखों की लागत से सौर ऊर्जा संचालित टंकियों का निर्माण करवाया गया था।ताकि लोगों को शुद्ध पानी मुहैया करवाया जा सके।लेकिन नौकरशाहों की उदासीनता से आज सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकियां महज सफेद हाथी बनकर रह गई हैं। आपको बताते चलें की रोहनिया विकासखण्ड की ग्राम पंचायत ऐहारी बुजुर्ग में पाइप लाइन बिछाकर लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सांसद निधि द्वारा सौर ऊर्जा संचालित पानी की टंकी लगाई गईं थी लेकिन देखरेख के आभाव और नौकरशाहों के लापरवाही की वजह से महज शो पीस बनकर रह गई है।शुरू में तो कुछ दिन लगाई गई टोटियों में पानी आया लेकिन धीरे धीरे ये उदासीनता का शिकार होती चली गई।आज हालात ये हैं की कभी लोगों की प्यास बुझाने वाली टोटियां एक एक बूंद पानी को तरस गई और खुद प्यासी रहकर दम तोड़ गई। आज ये टंकिया सिर्फ शो पीस बनी ग्रामीणों को चिढ़ा रही हैं। ग्रामीण राज नारायण, दुर्गा सिंह, विष्णु पाण्डेय, सूरज लाल , केवला देवी आदि ने बताया की लगाने के तीन चार महीने बाद से ही पानी आना बंद हो गया था अधिकारियों को सूचना दी गई बोले बनवा दिया जाएगा लेकिन आज तक कोई नहीं आया और टंकी सूखी पड़ी है।